ब्रैस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्तन की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है। यह महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर प्रकारों में से एक है। हालाँकि, पुरुष भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।शुरुआती चरण में इसका पता लगाने से उपचार की संभावना बढ़ जाती है। नियमित स्तन जाँच और स्व-परीक्षण महत्वपूर्ण हैं।इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, और तंबाकू से परहेज भी इस बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसमें स्तन की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं।इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि जितनी जल्दी इसका पता चलता है, इलाज उतना ही प्रभावी होता है। ब्रेस्ट कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- स्तन में गाँठ: स्तन में कोई गाँठ या मोटापन महसूस होना।
- निप्पल में बदलाव: निप्पल का अंदर की ओर खींचना, निप्पल से तरल पदार्थ निकलना या निप्पल के आकार में बदलाव।
- स्तन की त्वचा में बदलाव: स्तन की त्वचा का लाल होना, सूजना, या खुरदरी हो जाना।
- स्तन का आकार या आकृति में बदलाव: एक स्तन दूसरे स्तन की तुलना में बड़ा या छोटा हो जाना।
- बगल में गाँठ: बगल में कोई गाँठ या मोटापन महसूस होना।
ये सभी लक्षण ज़रूरी नहीं हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के ही हों। कई बार ये अन्य कारणों से भी हो सकते हैं। लेकिन अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है।
ब्रेस्ट कैंसर के कारण
ब्रेस्ट कैंसर होने के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुए हैं। हालाँकि, कुछ जोखिम कारक हैं जो इस बीमारी के होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। कुछ प्रमुख जोखिम कारक इस प्रकार हैं:
- उम्र: उम्र बढ़ने के साथ ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा भी बढ़ जाता है।
- आनुवंशिकता: यदि परिवार में किसी को पहले ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो इस बीमारी का ख़तरा बढ़ सकता है।
- हार्मोनल कारक: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लंबे समय तक संपर्क में रहने से भी ख़तरा बढ़ सकता है।
- जीवनशैली: शराब का सेवन, धूम्रपान, और अस्वस्थ खान-पान भी जोखिम कारक हो सकते हैं।
- मोटापा: अधिक वजन होने से भी ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार
ब्रेस्ट कैंसर कई प्रकार का होता है। ये प्रकार स्तन कोशिकाओं के प्रकार और कैंसर कोशिकाओं के व्यवहार के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के कुछ मुख्य प्रकार हैं:
- इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (Invasive Ductal Carcinoma): यह सबसे आम प्रकार का ब्रेस्ट कैंसर है। इसमें कैंसर कोशिकाएं दूध नलिकाओं से बाहर निकलकर आसपास के ऊतकों में फैल जाती हैं।
- इनवेसिव लोब्युलर कार्सिनोमा (Invasive Lobular Carcinoma): इस प्रकार के कैंसर में कैंसर कोशिकाएं दूध ग्रंथियों से बाहर निकलकर आसपास के ऊतकों में फैल जाती हैं।
- डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (Ductal Carcinoma In Situ): इस प्रकार के कैंसर में कैंसर कोशिकाएं दूध नलिकाओं के अंदर ही रहती हैं और आसपास के ऊतकों में नहीं फैलती हैं।
- लोब्युलर कार्सिनोमा इन सीटू (Lobular Carcinoma In Situ): इस प्रकार के कैंसर में कैंसर कोशिकाएं दूध ग्रंथियों के अंदर ही रहती हैं और आसपास के ऊतकों में नहीं फैलती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन जल्दी पता चलने पर इसका इलाज संभव है। इसलिए, अपने स्तनों की नियमित जाँच करना बहुत ज़रूरी है। ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:
- स्व-परीक्षण: हर महीने अपनी मासिक अवधि खत्म होने के एक हफ्ते बाद अपने स्तनों की जाँच करें। किसी भी गाँठ, दर्द, या निप्पल से तरल पदार्थ निकलने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- डॉक्टर से नियमित जाँच: डॉक्टर से साल में एक बार जाँच करवाएं। 40 साल की उम्र के बाद, आपको नियमित रूप से मैमोग्राम करवाना चाहिए।
- अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी: अगर डॉक्टर को कुछ संदिग्ध दिखाई देता है, तो वे अल्ट्रासाउंड या बायोप्सी कर सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कैंसर का प्रकार, स्टेज, और व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति। कुछ सामान्य उपचार विकल्पों में शामिल हैं:
सर्जरी:
- लंपेक्टोमी: इस प्रक्रिया में केवल ट्यूमर और उसके आसपास के कुछ ऊतकों को हटाया जाता है।
- मैस्टेक्टोमी: इस प्रक्रिया में पूरे स्तन को हटा दिया जाता है।
- रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी में हाई-एनर्जी एक्स-रे का उपयोग ट्यूमर कोशिकाओं को मारने के लिए किया जाता है।
- कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी में दवाओं का उपयोग पूरे शरीर में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए किया जाता है।
- हार्मोनल थेरेपी: हार्मोनल थेरेपी में हार्मोन थेरेपी का उपयोग कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए किया जाता है।
- टारगेटेड थेरेपी: टारगेटेड थेरेपी में दवाओं का उपयोग कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट परिवर्तनों को लक्षित करने के लिए किया जाता है।
- इम्यूनोथेरेपी: इम्यूनोथेरेपी में दवाओं का उपयोग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने के लिए किया जाता है ताकि वह कैंसर कोशिकाओं से लड़ सके।
स्तन जाँच कब करवानी चाहिए?
स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन शुरुआती चरण में इसका पता लगाने से इलाज काफी आसान हो जाता है। इसीलिए नियमित स्तन जाँच बहुत महत्वपूर्ण है।आइए जानते हैं कि आपको कब स्तन जाँच करवानी चाहिए:
- 40 साल की उम्र के बाद: अधिकांश डॉक्टर 40 साल की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राफी करवाने की सलाह देते हैं।
- अगर परिवार में किसी को स्तन कैंसर रहा हो: अगर आपके परिवार में किसी को स्तन कैंसर रहा है, तो आपको शायद 40 साल की उम्र से पहले ही जाँच शुरू कर देनी चाहिए।
- अगर आपको कोई लक्षण दिखाई दे: अगर आपको स्तन में गाँठ, निप्पल से तरल पदार्थ निकलना, या स्तन की त्वचा में बदलाव जैसे कोई लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सारांश
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर पता लगाने और उपचार से इसे हराया जा सकता है। नियमित स्तन जाँच, स्व-परीक्षण, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से आप अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या ब्रेस्ट कैंसर से बचाव संभव है?
बिल्कुल, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, नियमित व्यायाम करके, संतुलित आहार लेने और धूम्रपान से परहेज करके ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
2. ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के क्या विकल्प हैं?
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के कई विकल्प हैं जैसे सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी और टारगेटेड थेरेपी। इलाज का तरीका कैंसर के स्टेज और व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है।
3. ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक क्या हैं?
उम्र, परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास, मोटापा, मासिक धर्म शुरू होने की उम्र, मेनोपॉज़ की उम्र, हार्मोन थेरेपी आदि कुछ प्रमुख जोखिम कारक हैं।
4. क्या ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद गर्भधारण संभव है?
हाँ, कई मामलों में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद गर्भधारण संभव है। हालाँकि, डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
5. ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
इलाज के दौरान डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना, संतुलित आहार लेना, नियमित रूप से चेकअप करवाना और तनाव से दूर रहना बहुत ज़रूरी है।
6. ब्रेस्ट कैंसर के लिए नियमित जाँच कब करवानी चाहिए?
40 साल की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राफी करवाना चाहिए। अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर रहा है तो 40 साल की उम्र से पहले भी जाँच शुरू कर देनी चाहिए।
*मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.
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