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Breast Cancer
8 जनवरी, 2023

कैंसर पेशेंट के लिए सबसे बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें?

कैंसर, यह नाम सुनते ही शरीर में सिहरन दौड़ जाती है. किसी को कैंसर होने की खबर हमेशा दुख देती है, फिर चाहे वह आपका करीबी रिश्तेदार हो या कोई दोस्त. भारत में इस रोग के आंकड़े डरावने होते जा रहे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2025 तक यह आंकड़ा 15 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है. यानी वर्ष 2020 के अनुमानित आंकड़ों से 12% अधिक. लोगों में कैंसर के मामले बढ़ने की ऐसी डरावनी दर को देखते हुए, आपके पास कैंसर इंश्योरेंस कवर होना ज़रूरी है.

कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है?

कैंसर इंश्योरेंस, विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस है जो इस रोग की डायग्नोसिस पर एकमुश्त भुगतान देता है. कैंसर इंश्योरेंस प्लान कैंसर के उपचार से जुड़े विभिन्न खर्चों जैसे हॉस्पिटलाइज़ेशन, रेडिएशन, कीमोथेरेपी, सर्जरी आदि के लिए कवरेज देते हैं. कैंसर पॉलिसी के साथ आपको न केवल फाइनेंशियल बल्कि मानसिक सुरक्षा भी मिलती है, क्योंकि ये पॉलिसी रोग के शुरुआती और एडवांस्ड, दोनों स्टेज को कवर करती है. कुछ कैंसर इंश्योरेंस प्लान में रोगों की गंभीरता के आधार पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है. यह आपकी शर्तों के अधीन है हेल्थ इंश्योरेंस कवर.

भारत में कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी किस-किस प्रकार के कैंसर कवर करती हैं?

भारत में कैंसर इंश्योरेंस कवरेज आम तौर पर प्रमुख प्रकार के कैंसर को कवर करती है, जैसे:
  1. ब्रेस्ट कैंसर
  2. फ़ेफ़ड़ों का कैंसर
  3. प्रोस्टेट कैंसर
  4. ओवेरियन कैंसर
  5. बड़ी आंत का कैंसर
कुछ प्लान अन्य प्रकार के कैंसर जैसे मूत्राशय कैंसर और अग्न्याशय कैंसर को भी कवर करते हैं.

कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी क्या-क्या लाभ देती हैं?

कैंसर कवर के साथ हेल्थ इंश्योरेंस कई लाभ प्रदान करता है, जो व्यक्तियों को कैंसर की बीमारी होने पर फाइनेंशियल बोझ को मैनेज करने में मदद कर सकता है. यहां कैंसर इंश्योरेंस के लाभ दिए गए हैं:
  1. कैंसर के उपचार, जिसमें कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी शामिल हैं, से संंबंधित खर्चों की कवरेज *
  2. हॉस्पिटलाइज़ेशन और मेडिकल टेस्ट की कवरेज *
  3. उपचार और रिकवरी के दौरान हुए आय के नुकसान को कवर करने में मदद के लिए इनकम रिप्लेसमेंट या डिसेबिलिटी कवरेज *
  4. भावनात्मक सहायता के लिए परामर्श सेवाओं या सहायता समूहों तक पहुंच *
  5. कैंसर का शुरुआत में ही पता लगाने के लिए एकमुश्त भुगतान *
  6. अधिक चौतरफा कवरेज के लिए अधिक सम एश्योर्ड चुनने का विकल्प *
  7. अपनी सुविधा से पॉलिसी की अवधि और प्रीमियम भुगतान की बारंबारता चुनने का विकल्प
कैंसर से संबंधित खर्चों और सहायता सेवाओं के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करके, कैंसर कवर के साथ हेल्थ इंश्योरेंस कैंसर डायग्नोसिस के साथ होने वाले फाइनेंशियल और भावनात्मक परेशानियों को कम करने में मदद कर सकता है.

कैंसर के मरीज़ों के लिए किफायती हेल्थ इंश्योरेंस लेने संबंधित ज़रूरी टिप्स

कैंसर मरीज़ों के लिए किफायती हेल्थ इंश्योरेंस खोजना चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है. कैंसर के इलाज में अक्सर सर्जरी सहित व्यापक रूप से मेडिकल देखभाल की आवश्यकता होती है, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और चल रही दवाएं, जो महत्वपूर्ण फाइनेंशियल बोझ का कारण बन सकती हैं. कैंसर के मरीज़ों और उनके परिवारों के लिए, कम्प्रीहेंसिव और किफायती इंश्योरेंस लेना बहुत ही ज़रूरी है, ताकि वे सही तरीके से इलाज करवा पाएं और जेब से होने वाले खर्चों को कम कर सकें. इंश्योरेंस विकल्पों की जटिलताओं को समझने से, कवरेज की जानकारी प्राप्त करने से और उपलब्ध संसाधनों को खोजने से कैंसर में होने वाले देखभाल के खर्चों को अच्छी तरह से मैनेज किया जा सकता है. यह मार्गदर्शिका कैंसर के मरीज़ों को उनकी ज़रूरतों और बजट के अनुसार हेल्थ इंश्योरेंस खोजने में मदद करने के लिए बहुमूल्य सुझाव प्रदान करती है. कैंसर कवरेज के साथ किफायती हेल्थ इंश्योरेंस पाने के लिए इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है:
  1. तुलना: विभिन्न प्रदाताओं द्वारा प्रदान किए जाने वाले कैंसर और अन्य बीमारियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को पहचानें, ताकि आप अपने बजट के मुताबिक सबसे उपयुक्त कवरेज प्राप्त कर सकें.
  2. सरकारी कार्यक्रम: सरकारी पहल जैसे कि मेडिकेड या मेडिकेयर की जांच-पड़ताल करें, क्योंकि ये कैंसर की देखभाल के लिए अनुकूल कवरेज प्रदान करते हैं, जिससे संभावित रूप से आप पर फाइनेंशियल बोझ कम हो सकता है.
  3. हाई-डिडक्टिबल प्लान: प्रीमियम को कम करने के लिए हाई-डिडक्टिबल प्लान पर विचार करें, इन्हें हेल्थ सेविंग अकाउंट (एचएसए) या फ्लेक्सिबल स्पेंडिंग अकाउंट (एफएसए) के साथ जोड़ें, ताकि आप तुरंत देय खर्चों को मैनेज कर पाएं.
  4. नियोक्ता-प्रायोजित प्लान: यदि उपलब्ध हो, तो नियोक्ता द्वारा प्रायोजित प्लान का लाभ उठाएं, क्योंकि ये संभावित रूप से कैंसर के अनुकूल अधिक लागत-प्रभावी कवरेज विकल्प पेश कर सकते हैं.
  5. विशेषज्ञ की सलाह: फाइनेंशियल सलाहकार से परामर्श करें और सूझबूझ भरा निर्णय लेने के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करें, सुनिश्चित करें कि आप ऐसा प्लान चुनें जो आपके खर्चों को प्रभावी रूप से सुव्यवस्थित करते हुए आपकी ज़रूरतों के मुताबिक हो.

कैंसर इंश्योरेंस प्लान के तहत इनक्लूज़न और एक्सक्लूज़न क्या हैं?

पहले से मौजूद कैंसर के लिए हेल्थ इंश्योरेंस का चयन करते समय, व्यक्ति इसकी विशेषताओं को समझते हुए उपयुक्त निर्णय ले सकते हैं, इससे उन्हें कवर किए जाने वाले खर्चों और वैकल्पिक रूप से किस तरह की फाइनेंशियल इंतज़ाम की ज़रूरत हो सकती है, इत्यादि के विषय में अधिक स्पष्टता मिलती है. कैंसर इंश्योरेंस प्लान के तहत इनक्लूज़न और एक्सक्लूज़न नीचे दिए गए हैं:

पॉलिसी में शामिल

  1. हॉस्पिटलाइज़ेशन और इनपेशेंट सर्विसेज़: हॉस्पिटल में रहने से संबंधित खर्चों को कवर करना.
  2. सर्जरी और सर्जिकल प्रोसीजर: सर्जिकल इंटरवेंशन के खर्चों सहित.
  3. कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी: इन गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए फाइनेंशियल मदद प्रदान करना.
  4. दवा और प्रिस्क्रिप्शन दवाएं: कैंसर के इलाज के लिए निर्धारित दवाओं को कवर करना.
  5. डायग्नोस्टिक टेस्ट और इमेजिंग: कैंसर कहां तक फैला है, इसकी जांच करने का खर्च शामिल.
  6. सपोर्टिव केयर सर्विसेज़: जैसे होम हेल्थ केयर और हॉस्पिस केयर.

पॉलिसी में शामिल नहीं

  1. पुरानी बीमारियां: इंश्योरेंस पॉलिसी के शुरू होने पहले यदि पहले से हुई बीमारी का पता चलता है, तो कवरेज सीमित हो सकता है.
  2. प्रायोगिक या जांच संबंधित इलाज: ऐसे इलाज के खर्च कवर नहीं किए जा सकते हैं जो व्यापक रूप से स्वीकृत या प्रमाणित न हों.
  3. कॉस्मेटिक प्रोसीजर: सौंदर्य संबंधित प्रयोजन के लिए होने वाले खर्च आमतौर पर शामिल नहीं किए जाते हैं.
  4. कैंसर अलावा उपचार: आमतौर पर ऐसे मेडिकल खर्च शामिल नहीं किए जाते हैं, जो कैंसर से संबंधित नहीं होते हैं.
  5. वैकल्पिक थेरेपी जिन्हें मेडिकल रूप से आवश्यक नहीं माना जाता है: कुछ वैकल्पिक उपचार को केवल तब कवर किए जा सकते हैं, जब उन्हें चिकित्सा देखभाल के लिए आवश्यक माना जाता है.

कैंसर इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें?

अपने इंश्योरेंस प्रदाता द्वारा निर्दिष्ट समयसीमा और कार्यविधि का पालन करना महत्वपूर्ण है, ताकि क्लेम की प्रक्रिया आसान और समय पर पूरी हो. आइए जानें कि भारत में कैंसर के मरीज़ हेल्थ इंश्योरेंस के लिए किस तरह से कैंसर इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं. चरण 1: क्लेम की सूचना कैंसर इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए पहला कदम यह है कि आप अपने इंश्योरेंस प्रदाता को इस बात कि सूचना दें कि आप क्लेम करने की इच्छा रखते हैं. इसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से पूरा किया जा सकता है जैसे कि ऑनलाइन पोर्टल, फोन कॉल या नज़दीकी ब्रांच ऑफिस में जाकर. सुनिश्चित करें कि आप अपनी पॉलिसी की जानकारी और क्लेम के कारण सहित सभी आवश्यक विवरण पूर्ण से प्रदान करें. चरण 2: इंश्योरेंस प्रदाता को सूचित करने के बाद क्लेम फॉर्म या साक्ष्य प्रमाण सबमिट करें, आपको आवश्यक क्लेम फॉर्म के साथ-साथ अन्य सहायक साक्ष्य प्रमाण भी सबमिट करने होंगे. क्लेम फॉर्म आमतौर पर इंश्योरेंस प्रदाता की वेबसाइट या ब्रांच ऑफिस से प्राप्त किया जा सकता है. सुनिश्चित करें कि आपने फॉर्म को सही तरीके से और पूरी तरह से भरा है, इसमें आपके रोग निदान, इलाज और अन्य उपयुक्त जानकारी शामिल होनी चाहिए. चरण 3: क्लेम फॉर्म के साथ सहायक डॉक्यूमेंट और परीक्षण आपको अपने कैंसर के रोग निदान और इलाज के साक्ष्य के रूप में सहायक डॉक्यूमेंट सबमिट करने होंगे. इसमें मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर के सर्टिफिकेट, बिल, रसीद और कोई अन्य संबंधित डॉक्यूमेंटेशन शामिल हो सकते हैं. कुछ मामलों में, आपकी क्लेम की वैधता जांचने के लिए इंश्योरर आपसे मेडिकल परीक्षण का भी अनुरोध कर सकते हैं. चरण 4: क्लेम सेटलमेंट सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट सबमिट और रिव्यू किए जाने के बाद, इंश्योरर क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे. अगर आपका क्लेम अप्रूव हो जाता है, तो इंश्योरर आपको पॉलिसी में निर्दिष्ट शर्तों के अनुसार सहमति-लाभ प्रदान करेंगे. इसमें आपके कवरेज के अनुसार मेडिकल खर्च, एकमुश्त भुगतान या अन्य प्रकार के फाइनेंशियल सहायता के लिए रीइम्बर्समेंट शामिल हो सकते हैं.

कैंसर इंश्योरेंस कवर क्यों ज़रूरी है?

कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी की आवश्यकता को बताने वाले कुछ कारण यहां दिए गए हैं:

कैंसर का उपचार महंगा होता है:

कैंसर का उपचार महंगा होता है, और हो सकता है कि साधारण इंश्योरेंस कवरेज इतनी न हो कि वह इससे जुड़ी सभी लागतों को कवर कर पाए. कैंसर इंश्योरेंस कवर मेडिकल खर्चों, जिनमें हॉस्पिटलाइज़ेशन, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी शामिल हैं, के लिए कवरेज देकर इस कमी को दूर करने में मदद दे सकता है. *

फाइनेंशियल सुरक्षा:

कैंसर डायग्नोसिस के फलस्वरूप लोगों और उनके परिजनों के कंधों पर भारी फाइनेंशियल बोझ आ सकता है. कैंसर इंश्योरेंस कवरेज कैंसर उपचार के खर्चों और दूसरे खर्चों जैसे इनकम की हानि और ट्रांसपोर्टेशन लागतों आदि को कवर करके फाइनेंशियल सुरक्षा दे सकती है.

शुरुआत में ही पता चल जाना:

कैंसर का पता शुरुआत में ही चल जाए तो उपचार के परिणाम कहीं बेहतर हो सकते हैं. कुछ कैंसर इंश्योरेंस कवर कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए कवरेज देते हैं, जिनसे कैंसर की पहचान शुरुआती स्टेज में ही हो जाने में मदद मिल सकती है.

मन की शांति:

अगर आपको पता हो कि आपके पास कैंसर इंश्योरेंस कवरेज है, तो आपको मन की शांति मिलेगी और कैंसर डायग्नोसिस से जुड़ा तनाव कम होगा. यह कैंसर की डायग्नोसिस के साथ आने वाली कुछ फाइनेंशियल चिंताओं को कम करने में भी मदद दे सकता है.

मौजूदा इंश्योरेंस का पूरक:

कैंसर इंश्योरेंस, कैंसर के उपचार के लिए विशेष अतिरिक्त लाभ देकर आपकी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज का पूरक बन सकता है. यह उन खर्चों को भी कवर कर सकता है जो आपके रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में कवर नहीं किए जा सकते हैं. सारांश में, कैंसर कवर पॉलिसी फाइनेंशियल सुरक्षा के साथ मानसिक शांति भी प्रदान कर सकती है, साथ मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के लिए पूरक के रूप में कार्य करती है.

यहां हम बता रहे हैं कि आप कैंसर रोगियों के लिए सर्वश्रेष्ठ हेल्थ इंश्योरेंस कैसे ले सकते हैं

नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं:

विशेषज्ञों का यही कहना है कि रोग का पता जितनी जल्द लग जाए, उपचार से उसके ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है. इसलिए, नियमित और समय-समय पर हेल्थ चेक-अप कराने से रोग का जल्द पता करने में मदद मिलेगी. साथ ही, डॉक्टरों ने 40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए मैमोग्राफी, पैप स्मियर और अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट भी सुझाए हैं. 55 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों के मामले में, अल्ट्रासाउंड टेस्ट से रोग का शुरुआत में ही पता लगाने में मदद मिल सकती है. हेल्थ चेक-अप रोग का पता लगाने के लिए आवश्यक है, इसलिए भारत में कैंसर इंश्योरेंस खरीदने की सलाह दी जाती है, जो इन चेक-अप की सुविधा प्रदान करता है.

सही इंश्योरेंस पॉलिसी चुनें:

जब कई विकल्पों में से कैंसर इंश्योरेंस प्लान चुनना हो, तो पर्याप्त सम इंश्योर्ड वाली पॉलिसी खरीदना आवश्यक है. चूंकि उपचार बहुत महंगा होता है, इसलिए उसे कवर कर सकने वाला सम इंश्योर्ड बेहद ज़रूरी है. आमतौर पर, आपके निवास शहर में उपचार की औसत लागत से कम से कम 1.25 गुना कैंसर इंश्योरेंस ज़रूरी है, जो कई दूसरी बातों पर भी निर्भर है. इस तरह आप बढ़ती मेडिकल महंगाई के साथ-साथ भविष्य के लिए तैयारी भी कर सकते हैं. For फैमिली फ्लोटर पॉलिसी, लेना हो, तो कैंसर इंश्योरेंस कवरेज के लिए अधिक राशि चुनें, क्योंकि इसे कई लाभार्थियों द्वारा एक साथ शेयर किया जाता है.

को-पेमेंट क्लॉज़ चेक करें:

को-पेमेंट क्लॉज़ के तहत पॉलिसीधारक को, यानी आपको, उपचार की लागत का एक हिस्सा चुकाना होता है और बाकी हिस्सा आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी कवर करती है. को-पेमेंट क्लॉज का उपयोग करके प्रीमियम को कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन विशेष रूप से कैंसर इंश्योरेंस के लिए चुनी गई पॉलिसी की सलाह नहीं दी जा सकती है, क्योंकि इसके लिए आपको खर्च का एक बड़ा हिस्सा भुगतान करने की आवश्यकता होती है.

प्रतीक्षा अवधियों की तुलना करें:

कैंसर इंश्योरेंस कवरेज प्राप्त करते समय विचार करने के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण कारक है प्रतीक्षा अवधि पॉलिसी के लिए. विभिन्न हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में अलग-अलग प्रतीक्षा अवधियां होती हैं और खरीद के समय इन पर ध्यान देना चाहिए. प्रतीक्षा अवधि अधिक होने का यह मतलब है कि इन रोगों के लिए आपकी इंश्योरेंस कवरेज अधिक समय बाद शुरू होगी. तो ये थे कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी के कुछ महत्वपूर्ण घटक. इंश्योरेंस कंपनी के ऑफर को पूरी तरह और ठीक से समझने से भारत में सही कैंसर इंश्योरेंस चुनने में मदद मिलेगी. साथ ही, अगर आपके परिवार में कैंसर का जोखिम पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता है, तो कैंसर इंश्योरेंस लेना और भी ज़रूरी हो जाता है. इस तरह, दुर्भाग्यवश कभी कैंसर होने पर आपके पास फाइनेंशियल सहारा मौजूद रहेगा. अंत में, ध्यान दें कि यह कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को रिप्लेस नहीं करती है, लेकिन इसके बजाय विशिष्ट बीमारी के लिए एक सप्लीमेंटरी प्लान है. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, कृपया खरीद पूरी करने से पहले बिक्री ब्रोशर/पॉलिसी वर्णन ध्यान से पढ़ें.

कैंसर इंश्योरेंस के क्लेम और भुगतान का प्रोसेस क्या है?

कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए क्लेम प्रोसेस और भुगतान किस तरह से कार्य करते हैं, इसकी चरणबद्ध प्रक्रिया यहां दी गई है:

क्लेम सबमिट करना:

क्लेम प्रोसेस शुरू करने के लिए आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम फॉर्म सबमिट करना होगा. क्लेम फॉर्म के लिए आम तौर पर आपकी डायग्नोसिस, उपचार योजना और हेल्थकेयर प्रोवाइडर के विवरण आदि जानकारी की ज़रूरत पड़ेगी. कुछ प्लान में यह शर्त होती है कि व्यक्ति कैंसर की डायग्नोसिस के बाद कम से कम एक तय अवधि तक जीवित रहे, उसके बाद ही क्लेम किया जा सकता है; इस अवधि को सर्वाइवल पीरियड कहते हैं.

क्लेम का रिव्यू:

क्लेम सबमिट होने के बाद, इंश्योरेंस कंपनी यह रिव्यू करती है कि क्या वह क्लेम, प्लान के तहत कवरेज की शर्तों को पूरा करता है.

क्लेम अप्रूवल:

अगर क्लेम अप्रूव हो जाता है, तो इंश्योरेंस कंपनी प्लान की खरीद के समय तय हुई राशि का भुगतान करेगी.

समय पर क्लेम सबमिट करना:

कवरेज में किसी भी देरी या इंकार से बचने के लिए समय पर क्लेम सबमिट करना महत्वपूर्ण है. ध्यान रहे कि आप कैंसर के उपचार और क्लेम से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट की कॉपी संभालकर रखें. नियमित हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के विपरीत, गंभीर बीमारियों के लिए क्लेम प्रोसेस थोड़ा अलग हो सकता है. पॉलिसी प्रपोजल फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से पहले क्लेम प्रोसेस ज़रूर जान लें.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या कैंसर इंश्योरेंस कीमोथेरेपी को कवर करता है?

हां, कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी आमतौर पर कीमोथेरेपी को कवर करती है, क्योंकि यह कैंसर के लिए एक सामान्य उपचार है. *

2. क्या कैंसर का उपचार करवाने के बाद कैंसर इंश्योरेंस खरीदा जा सकता है?

आम तौर पर नहीं। कैंसर इंश्योरेंस को कैंसर उपचार की लागत को कवर करने हेतु डायग्नोसिस से पहले खरीदने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसलिए यह आम तौर पर उन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है जो पहले ही उपचार करा चुके हैं.

3. क्या कैंसर इंश्योरेंस रेडिएशन थेरेपी को कवर करता है?

हां, कैंसर इंश्योरेंस आम तौर पर रेडिएशन थेरेपी को कवर करता है क्योंकि यह भी कैंसर का एक आम उपचार है. *

4. अगर मुझे कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले कैंसर हुआ हो, तो क्या यह मेरे उपचार को कवर करेगा?

नहीं, कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी पहले से मौजूद रोगों को आम तौर पर कवर नहीं करती है.

5. कैंसर इंश्योरेंस कौन खरीद सकता है?

भारत में कोई भी व्यक्ति कैंसर रोगियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीद सकता है, हालांकि इसके लिए अक्सर उन लोगों को सलाह दी जाती है, जिन्हें कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है, जैसे धूम्रपान करने वाले लोग या जिनके परिवार में पहले किसी को कैंसर हुआ हो.

6. कैंसर इंश्योरेंस खरीदने की ऊपरी आयु सीमा क्या है?

कैंसर इंश्योरेंस खरीदने की आयु सीमा अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के मामले में अलग होती है, पर यह आम तौर पर 75 या 80 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिए उपलब्ध होता है.

7. कैंसर इंश्योरेंस की लागत क्या है?

कैंसर इंश्योरेंस की लागत आयु, स्वास्थ्य स्थिति और कवरेज राशि जैसी चीज़ों के आधार पर अलग-अलग होती है. आमतौर पर, कम आयु वाले स्वस्थ व्यक्तियों का प्रीमियम कम होता है और आयु बढ़ने के साथ-साथ या पहले से रोग मौजूद होने की स्थिति में प्रीमियम बढ़ जाता है. *

8. इस बात का पता कैसे लगेगा कि कैंसर के इलाज के लिए मुझे कितने कवरेज की ज़रूरत है?

कैंसर के इलाज के लिए कवरेज निर्धारित करते समय इलाज का खर्च, इच्छित हेल्थकेयर प्रदाता के नेटवर्क सहित, तुरंत देय खर्च, पहले से मौजूद बीमारी के लिए कवरेज और पॉलिसी के अपवाद (एक्सक्लूज़न) इत्यादि कारकों का आकलन करना चाहिए. इन कारकों का विश्लेषण करने से आपको इलाज की ज़रूरतों और अपनी फाइनेंशियल क्षमता के अनुसार उपयुक्त कवरेज चुनने में मदद मिल सकती है.

9. कैंसर के मरीज़ों के लिए आमतौर पर किस तरह के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार उपलब्ध होते हैं?

कैंसर के मरीज़ों के लिए साधारण हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में परंपरागत हेल्थ इंश्योरेंस, कैंसर-विशिष्ट इंश्योरेंस, क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस और सप्लीमेंट इंश्योरेंस शामिल होते हैं. ये प्लान विभिन्न कवरेज विकल्प प्रदान करते हैं जो कैंसर की अलग-अलग स्थितियों के दौरान देखभाल के लिए, इलाज के दौरान होने वाले खर्च से लेकर अतिरिक्त सेवा सहायता इत्यादि के अनुकूल तैयार किए गए होते हैं.

10. कैंसर कवरेज के लिए विभिन्न हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की तुलना करते समय मुझे किन कारकों पर विचार करना चाहिए?

कैंसर कवरेज के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की तुलना करते समय कवरेज की लिमिट, नेटवर्क हॉस्पिटल, तुरंत देय खर्च, पहले से मौजूद बीमारी के लिए कवरेज, पॉलिसी के अपवाद इत्यादि कारकों पर विचार करना चाहिए. इन कारकों का मूल्यांकन करने से आपको ऐसे प्लान का चयन करने में मदद मिलती है जो इलाज और आपकी फाइनेंशियल स्थिति के अनुरूप होता है, और कवरेज में किसी तरह की कमी नहीं रह जाती है.

11. कैंसर इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट में कितना समय लगता है?

कैंसर इंश्योरेंस सेटलमेंट में लगने वाला समय कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि डॉक्यूमेंटेशन की पूर्णता, इंश्योरर द्वारा प्रोसेसिंग समय और क्लेम की जटिलता. आमतौर पर, इंश्योरर का लक्ष्य क्लेम को तुरंत सेटल करना होता है, लेकिन इसमें कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों तक का समय लग सकता है, जिसके लिए दोनों पक्षों की ओर से धैर्य और सहयोग की अपेक्षा होती है.

12. क्या हेल्थ इंश्योरेंस में कैंसर को कवर किया जाता है?

हां, आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में कैंसर कवर किए जाते हैं, लेकिन कवरेज की सीमा पॉलिसी के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. कवरेज में अक्सर हॉस्पिटलाइज़ेशन, सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सहायक देखभाल सेवाएं शामिल होती हैं. हालांकि पॉलिसी में शामिल चीज़ों और इनके अपवाद को विस्तृत रूप से समझना ज़रूरी है.

13. कैंसर के मरीज़ों के लिए सर्वश्रेष्ठ हेल्थ इंश्योरेंस प्लान कौन सा है?

कैंसर के मरीज़ों के लिए सर्वश्रेष्ठ हेल्थ इंश्योरेंस प्लान व्यक्ति की निजी ज़रूरतों, प्राथमिकताओं और फाइनेंशियल स्थिति पर निर्भर करता है. आमतौर पर ऐसे प्लान पसंद किए जाते हैं, जो कैंसर विशिष्ट लाभ, पर्याप्त नेटवर्क प्रदाता, तुरंत देय खर्च की व्यवस्था और पॉलिसी की सुविधा सहित कम्प्रीहेंसिव कवरेज प्रदान करते हैं. कई प्लान की खोजबीन करने से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करने मदद मिलती है.   *मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.

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