अगर आप या आपके परिवार के किसी सदस्य की नज़र धुंधली हो रही है और आपकी या उनकी आयु 50 वर्ष से अधिक है, तो ऐसा शायद मोतियाबिंद से हो रहा है. आयु बढ़ने के साथ-साथ मोतियाबिंद होने की संभावना बढ़ती जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोतियाबिंद क्या है? मोतियाबिंद आंखों की एक बीमारी है, जिसमें आंखों के लेंस में धुंधला बादल जैसा बन जाता है. यह बुज़ुर्गों में आम है, और अगर ट्रीटमेंट न कराया जाए, तो नज़र कमज़ोर होती जाती है और गंभीर मामलों में आंख से दिखाई देना बंद भी हो जाता है. केवल आयु ही नहीं, बल्कि आंख की चोट भी इसके होने का कारण है. नज़र कमज़ोर न हो इसके लिए सर्जरी ज़रूरी होती है.
मोतियाबिंद होने के कारण
अधिकतर मामलों में मोतियाबिंद होने के पीछे केवल एक कारण नहीं होता है. मोतियाबिंद आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक आयु में होता है और इसके पीछे ऑक्सीडेंट का अधिक उत्पादन, धूम्रपान, अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से संपर्क, स्टेरॉइड दवाओं और दूसरी दवाओं का लंबे समय तक उपयोग, डायबिटीज़, आंखों की चोट और रेडिएशन थेरेपी जैसे कारण होते हैं.
मोतियाबिंद होने के लक्षण क्या हैं?
नज़र धुंधलाना सबसे आम कारण है, जिसके चलते लोग आंखों की जांच कराते हैं. धुंधली नज़र मोतियाबिंद का सबसे मुख्य लक्षण है. इसके बाद, रात में चीज़ें दिखने में मुश्किल होना, रंग फीके दिखना, प्रकाश की चौंध के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाना, प्रकाश के स्रोत के चारों ओर गोल घेरे दिखना, दो-दो चीज़ें दिखना, और चश्मे का नंबर बार-बार बदलना ऐसे कुछ लक्षण हैं, जिनसे आप मोतियाबिंद होने की पहचान कर सकते हैं.
क्या मोतियाबिंद की सर्जरी मेडिकल इंश्योरेंस में कवर होती है?
हां, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां मोतियाबिंद के ट्रीटमेंट को कवर करती हैं. हालांकि, जिस तरह पॉलिसी के स्टेंडर्ड नियम
हेल्थ इंश्योरेंस में प्रतीक्षा अवधि, तय करती हैं, उसी तरह इंश्योरेंस कंपनियां एक प्रतीक्षा अवधि लागू करती हैं, जिसके बीतने के बाद ही मोतियाबिंद के ट्रीटमेंट के लिए पॉलिसी कवरेज प्रभावी होती है. यह अवधि आमतौर पर 24 महीने की होती है, लेकिन इंश्योरेंस पॉलिसी के नियमों के अनुसार यह अलग भी हो सकती है.*
मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज लेना क्यों ज़रूरी है?
मेडिकल ट्रीटमेंट महंगे होते जा रहे हैं, ऐसे में एक छोटी-सी मेडिकल सर्जरी भी आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकती है. जैसा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा प्रकाशित अध्ययनों के 2017 में किए गए रिव्यू से कन्फर्म हुआ है कि मोतियाबिंद का कोई कुदरती इलाज नहीं है, इसलिए इसकी सर्जरी ज़रूरी होती है. साथ ही, मोतियाबिंद का सबसे आम ट्रीटमेंट है फेकोइमल्सिफिकेशन, जिसकी लागत रु. 40,000 से शुरू होती है. आज के जमाने के ब्लेडलेस ट्रीटमेंट की लागत रु. 85,000 से रु. 1.20 लाख के बीच आती है. ऐसे महंगे ट्रीटमेंट का खर्चा उठाना हमेशा संभव नहीं होता है और इसके लिए अगर
ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस ले लिया जाए, तो वह फाइनेंशियल सहारे का काम कर सकता है.*
मोतियाबिंद की सर्जरी ज़रूरी क्यों है?
मोतियाबिंद की सर्जरी की सलाह इसलिए दी जाती है, क्योंकि इससे निम्न लाभ मिलते हैं:
- आंखों की रोशनी पहले जैसी हो जाती है: मोतियाबिंद सर्जरी की मदद से आपकी नज़र के धुंधलेपन की समस्या को ठीक किया जा सकता है. मेडिकल साइंस में हुई उन्नतियों के चलते, इस ट्रीटमेंट में एक घंटे से भी कम समय लगता है, और इसलिए, हॉस्पिटल में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. इस ट्रीटमेंट को कहते हैं डे-केयर प्रोसीज़र.
- अंधेपन से बचाव: मोतियाबिंद की सर्जरी कराने से आपकी नज़र कमज़ोर होने से बच जाती है, जिससे पूर्ण या आंशिक अंधेपन से बचाव होता है.
- जीवन बेहतर बनाता है: नज़र अहम संवेदी संकेतों में से एक है, इसलिए मोतियाबिंद के लिए ट्रीटमेंट लेने से जीवन को फिर से पहले जैसा बनाने में मदद मिलती है.
ये कुछ बातें हैं, जो आपको मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के बारे में पता होनी चाहिए. प्लान, जैसे इंडिविजुअल/
फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस, सीनियर सिटीज़न पॉलिसी और
आरोग्य संजीवनी पॉलिसी जैसे प्लान मोतियाबिंद सर्जरी को कवर करते हैं. उपयुक्त फाइनेंशियल सुरक्षा के लिए ऐसा प्लान चुनना न भूलें, जिसमें पर्याप्त सम इंश्योर्ड के साथ कम्प्रीहेंसिव कवरेज मिले.
*मानक नियम व शर्तें लागू
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, खरीद पूरी करने से पहले कृपया सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी शब्दावली को ध्यान से पढ़ें.
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