जब बात उपयुक्त इंश्योरेंस कवरेज चुनने की हो तो चुनने के लिए कई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध हैं. कुछ उदाहरण: इंडिविज़ुअल प्लान, फैमिली फ्लोटर प्लान, क्रिटिकल इलनेस प्लान और सीनियर सिटीज़न प्लान. वैसे तो हर पॉलिसी को एक खास उपयोग को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, पर सही पॉलिसी का चयन आपकी ज़रूरतों पर आधारित होना चाहिए. इंडियन हार्ट एसोसिएशन की एक चिंताजनक रिपोर्ट के आंकड़े दिखाते हैं कि हार्ट अटैक के आधे से अधिक मामले 50 वर्ष से कम आयु के लोगों में होते हैं. और, इनमें से आधे मामले 40 वर्ष से कम आयु के लोगों में होते हैं. इन चिंताजनक आंकड़ों को देखते हुए, हर युवा के लिए कार्डियक
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की ज़रूरत पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो चली है. विभिन्न इंश्योरेंस प्लान के तहत कई रोग कवर किए जाते हैं, जिनमें हेल्थ इंश्योरेंस के तहत हृदय रोगों की कवरेज भी शामिल है. इसकी मदद से, पॉलिसीधारक बढ़ते मेडिकल खर्चों को पूरा कर सकते हैं और विभिन्न हृदय रोगों का उपचार समय से करवा सकते हैं.
हृदय रोगियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत में सुस्त लाइफस्टाइल, खान-पान की अस्वस्थ आदतों और बढ़ते तनाव के चलते हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे हृदय रोग बढ़ रहे हैं. हालांकि व्यायाम के साथ-साथ संतुलित आहार और स्वस्थ लाइफस्टाइल ज़रूरी है, पर फिर भी हृदय रोग की संभावना पूरी तरह समाप्त नहीं होती है. इसलिए, महंगे होते मेडिकल उपचारों की लागत की पूर्ति के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, विशेष रूप से
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस इन उपचारों को कवर करने वाला प्लान, ज़रूरी है. इस पॉलिसी में, कवरेज का उद्देश्य मुख्य रूप से हृदय रोगों को कवर करना और कोरोनरी बाईपास सर्जरी, स्टेंट आदि उपचारों के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा देना है.
*मानक नियम व शर्तें लागू
कार्डियक हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज खरीदने के क्या लाभ हैं?
अगर आप या आपके किसी परिजन को किसी हृदय रोग का सामना करना पड़ रहा है, तो कार्डियक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान से ये लाभ मिल सकते हैं:
आपके कार्डियक हेल्थ इंश्योरेंस के हिस्से के रूप में मिलने वाली हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज, हृदय रोग के आवश्यक उपचार की लागतों को कवर करने में मदद देती है. चूंकि हृदय रोगों का उपचार करवाना बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए समय पर हॉस्पिटलाइज़ेशन से रोगी के जीवन को बचाने में मदद मिलती है. कई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान प्री
पोस्ट-हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज प्रदान करते हैं, जो न केवल इलाज में मदद करते हैं, बल्कि इलाज से पहले और बाद की स्थितियों के लिए भी उपयोगी होते हैं, जिसमें कुछ आवश्यक टेस्ट और चेकअप शामिल होते हैं. *
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस, डायग्नोसिस होने पर पॉलिसीधारक को एकमुश्त भुगतान देता है. एकमुश्त भुगतान के साथ, पॉलिसीधारक यह निर्णय ले सकता है कि उपचार के लिए फंड का उपयुक्त उपयोग कैसे करें. *
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आय के नुकसान के लिए कवरेज
अगर पॉलिसीधारक परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य है, तो हॉस्पिटलाइज़ेशन के दौरान आय स्रोत के नुकसान को कवर करने में क्रिटिकल इलनेस प्लान काम आता है. *
कार्डियक पॉलिसी होने से मन को शांति मिलती है क्योंकि आप जानते हैं कि हार्ट अटैक जैसी हृदय स्थितियों के लिए आवश्यक विभिन्न उपचार इंश्योरेंस प्लान कवर कर लेगा. आपको उपचार का फाइनेंशियल तनाव लेने की ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिए, ताकि आप रिकवरी पर फोकस कर सकें. *
क्रिटिकल इलनेस प्लान में हेल्थ बेनिफिट के साथ-साथ इनकम टैक्स रिटर्न में कटौती का लाभ भी मिलता है. कटौती की राशि प्रचलित टैक्स कानूनों के अनुसार तय होती है. याद रखें कि टैक्स लाभ, टैक्स कानूनों में बदलाव के साथ बदल सकते हैं. *
*मानक नियम व शर्तें लागू
आपने सुना ही होगा कि स्वास्थ्य ही असली संपदा है और इसे हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की मदद से सुरक्षित रखना जीवन जीने का सबसे सुरक्षित तरीका है. अगर आपके परिवार में हृदय रोगों का इतिहास है तो आप
सीनियर सिटीज़न के लिए हेल्थ इंश्योरेंस भी ले सकते हैं जो हृदय रोगों को कवर करके आपके माता-पिता को हर समय सुरक्षित रखता है.
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, खरीद पूरी करने से पहले कृपया सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी शब्दावली को ध्यान से पढ़ें.
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