रिस्पेक्ट सीनियर केयर राइडर: 9152007550 (मिस्ड कॉल)

सेल्स: 1800-209-0144| सेवा: 1800-209-5858 सर्विस चैट: +91 75072 45858

अंग्रेजी

Claim Assistance
Get In Touch
medical insurance coverage for ambulance charges
30 मार्च, 2023

एम्बुलेंस शुल्क के लिए मेडिकल इंश्योरेंस कवरेज

अगर जीवन में आने वाले अनचाहे मेहमानों की लिस्ट बनाई जाए तो मेडिकल एमरजेंसी शायद हर किसी की लिस्ट में सबसे ऊपर होंगी. कोई मेडिकल एमरजेंसी होने पर आपको कई चीज़ें एक साथ संभालनी पड़ती हैं. उनमें से कुछ हैं - किसी अच्छे हॉस्पिटल में बेड हासिल करना, आपके पसंदीदा डॉक्टर का उपलब्ध होना, और कम एडमिशन शुल्क. हालांकि, रोगी को हॉस्पिटल ले जाने के लिए एम्बुलेंस का बंदोबस्त हमेशा सबसे महत्वपूर्ण चरण रहेगा. अधिकांश एम्बुलेंस प्राइवेट होती हैं, इसलिए उनके शुल्क अलग-अलग होते हैं. इसलिए, ‘क्या इंश्योरेंस में एम्बुलेंस शुल्क कवर होता है?', इस सवाल का जवाब देने के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि आपका इंडिविजुअल फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस एम्बुलेंस शुल्क की कवरेज देता है या नहीं. इस बारे में अधिक जानकारी इस प्रकार है.

भारत में एम्बुलेंस के प्रकार

भारत में आप विभिन्न प्रकार की एम्बुलेंस की सेवाएं ले सकते हैं. जो ये हैंः:
  1. रोड एम्बुलेंस

रोड एम्बुलेंस सबसे आम प्रकार की एम्बुलेंस है. भारत में, आपको सड़कों पर तरह-तरह की छोटी-बड़ी एम्बुलेंस देखने को मिल जाएंगी. इनमें से अधिकांश एम्बुलेंस प्राइवेट होती हैं या कुछ हॉस्पिटल की होती हैं. कई एम्बुलेंस असल में यात्री वाहन में कुछ बदलाव करके बनाई हुई एम्बुलेंस होती हैं.
  1. बोट एम्बुलेंस

इस प्रकार की एम्बुलेंस आम तौर पर छोटी-छोटी टगबोट पर बनाई जाती हैं क्योंकि उनका संचालन और नेविगेशन आसान होता है. बोट एम्बुलेंस हर जगह उपलब्ध नहीं हैं और अधिकतर दूर-दराज़ के स्थानों में इस्तेमाल होती हैं (ऐसे स्थान जहां पहुंचने के लिए सड़कें कम हैं या नहीं हैं और जहां अक्सर बाढ़ आती है). ऐसी स्थितियों में बोट एम्बुलेंस काम आती हैं. ये एम्बुलेंस सरकार या गैर-सरकारी संगठनों द्वारा दी जाती हैं.
  1. एयर एम्बुलेंस

एयर एम्बुलेंस आम तौर पर ऐसे हवाई जहाज़ होते हैं जिनमें कुछ बदलाव करके उन्हें एम्बुलेंस में बदल दिया जाता है. ये सरकारी इकाइयों द्वारा संचालित होती हैं. एमरजेंसी के दौरान एयर एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें शामिल हैं भूकंप या बाढ़ या ऐसी ही किसी दूसरी आपदा से प्रभावित क्षेत्र, जहां लोगों को तुरंत मेडिकल सहायता की ज़रूरत होती है. लोगों को बचाकर नज़दीकी लोकेशन पर पहुंचाने और उन्हें ट्रीटमेंट दिलवाने के लिए हेलिकॉप्टर भी इस्तेमाल होते हैं. अक्सर, स्थिति की गंभीरता के आधार पर, एयर एम्बुलेंस विदेशों को भी भेजी जाती हैं.

एम्बुलेंस में दी जाने वाली सेवाएं

एम्बुलेंस में सेवाओं की उपलब्धता इस पर निर्भर है कि आपने किस प्रकार की एम्बुलेंस चुनी है:
  1. बेसिक एम्बुलेंस

बेसिक एम्बुलेंस में आपको बुनियादी सेवाएं मिलती हैं, जैसे हार्टबीट, पल्स और ब्लड प्रेशर चेक करने का मॉनिटर. ऐसी एम्बुलेंस में सलाइन स्टैंड, ऑक्सीजन सिलिंडर और मास्क भी होते हैं जो सांस की समस्या वाले रोगियों के काम आ सकते हैं.
  1. एडवांस्ड एम्बुलेंस

बेसिक एम्बुलेंस की तुलना में एडवांस्ड एम्बुलेंस साइज़ में बड़ी होती हैं. उनमें बेसिक एम्बुलेंस से अधिक सेवाएं मिलती हैं. इन सेवाओं में, रोगी की स्थिति गंभीर होने पर तुरंत मदद के लिए डॉक्टर की उपलब्धता शामिल है. एडवांस्ड एम्बुलेंस में सलाइन, आईवी सप्लाई और मॉनिटर के साथ-साथ डीफिब्रिलेटर और नेबुलाइज़र भी होते हैं.
  1. निओ-नेटल (नवजात) एम्बुलेंस

जैसा नाम से साफ है, इस प्रकार की एम्बुलेंस का इस्तेमाल गहन देखभाल की ज़रूरत वाले नवजात शिशुओं के लिए होता है. समय से पहले जन्मे या जन्म के बाद जटिलताओं का सामना कर रहे शिशुओं को निओ-नेटल केयर यानी नवजात देखभाल की ज़रूरत होती है. इन एम्बुलेंस में इनक्यूबेटर होते हैं जिनमें शिशुओं को रिकवरी के लिए रखा जाता है.

क्या इंश्योरेंस एम्बुलेंस शुल्क को कवर करता है?

अगर आपके परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य को हॉस्पिटलाइज़ करना पड़े और उनके पास है सीनियर सिटीज़न के लिए हेल्थ इंश्योरेंस, तो आप यह मानकर चल सकते हैं कि एम्बुलेंस की लागत डिफॉल्ट रूप से कवर की जाएगी. हालांकि, बहुत से लोग यह नहीं जानते कि यह एक गलत धारणा है. अधिकतर इंश्योरेंस कंपनियां अतिरिक्त कवर द्वारा एम्बुलेंस शुल्क कवर करती हैं. यह कवर आम तौर पर एम्बुलेंस कवर के रूप में बेचा जाता है, जिसके तहत इंश्योरेंस कंपनी एम्बुलेंस शुल्क एक निश्चित लिमिट तक कवर करती है. * जैसे, एक पल को सोचें कि आपके परिवार के किसी सदस्य को हॉस्पिटलाइज़ करने की ज़रूरत पड़ती है और आप एक एम्बुलेंस बुलाते हैं. एम्बुलेंस की लागत लगभग रु. 3000 है. अगर पॉलिसी के एम्बुलेंस कवर में रु. 5000 तक की एम्बुलेंस कवरेज है, तो पूरा शुल्क कवर होगा. पर अगर एम्बुलेंस शुल्क अप्रूव्ड लिमिट से अधिक है, तो आपको अपनी जेब से भुगतान करना पड़ सकता है. * कुछ इंश्योरर एम्बुलेंस शुल्क के कवरेज के लिए सम इंश्योर्ड का एक निश्चित प्रतिशत आवंटित करने की सुविधा दे सकते हैं. जो इंश्योरेंस कंपनियां ऐसा करती हैं उनमें यह प्रतिशत अलग-अलग हो सकता है. अगर एम्बुलेंस शुल्क अप्रूव्ड लिमिट के भीतर है तो आपको कुछ भी भुगतान नहीं करना होगा. हालांकि, अगर शुल्क उस सीमा से अधिक है, तो आपको अपनी जेब से भुगतान करना पड़ सकता है. *

क्या आपको कवर खरीदना चाहिए?

मेडिकल एमरजेंसी में, आपको पहले कई खर्च कवर करने होते हैं जिसके बाद आप क्लेम फाइल करके भरपाई पा सकते हैं. इन खर्चों में एम्बुलेंस शुल्क के जुड़ने का अर्थ है आपकी बचत में से और अधिक खर्च. ऐसा करने की बजाए, आप बहुत कम लागत पर अपनी पॉलिसी में एम्बुलेंस कवर जोड़कर मन की शांति पा सकते हैं, क्योंकि तब एम्बुलेंस की लागत पॉलिसी कवर करेगी. *

संक्षेप में

हालांकि, हर इंश्योरेंस कंपनी एम्बुलेंस शुल्क के लिए डिफॉल्ट रूप से कवरेज नहीं देती है, ऐसे में अगर आपके पास है भारत में हेल्थ इंश्योरेंस, आप अन्य एमरजेंसी के लिए पैसे बचा सकते हैं. इस कवर के बारे में और, अधिक कवरेज पाने के लिए आप अपनी पॉलिसी में जो अन्य विभिन्न ऐड-ऑन जोड़ सकते हैं उनके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने इंश्योरेंस एजेंट से संपर्क करें. * मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.

क्या आपको इस आर्टिकल से मदद मिली? इसे रेटिंग दें

औसत रेटिंग 5 / 5 वोटों की संख्या: 18

अभी तक कोई वोट नहीं मिले! इस पोस्ट को सबसे पहली रेटिंग दें.

क्या आपको यह आर्टिकल पसंद आया?? इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें!

अपने विचार शेयर करें. एक कमेंट लिखें!

कृपया अपना जवाब दें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी. सभी फील्ड आवश्यक हैं