आज के दौर में, हेल्थ इंश्योरेंस एक ज़रूरी बैकअप है, जो आपके हेल्थकेयर के खर्चों को संभालने के लिए होना ही चाहिए. वास्तव में हर मेडिकल ज़रूरत के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होना ज़रूरी नहीं, उनमें से कई इलाज डॉक्टर की सलाह से किया जा सकता है. ऐसे में, क्या आपके हेल्थ प्लान में ओपीडी कवर है? Statista की एक रिपोर्ट से पता चला कि 22% भारतीय डाक्टर से वर्ष में कम-से-कम तीन बार सलाह लेते हैं. अगर आपका इंश्योरेंस इस खर्च को कवर नहीं करता है, तो आपके पास हेल्थ पॉलिसी होने के बावजूद आपको डॉक्टरी सलाह का खर्चा खुद उठाना होगा. इसलिए, आइए समझें कि ओपीडी कवर क्या है और यह आपके लिए कैसे लाभदायक है.
हेल्थ इंश्योरेंस में ओपीडी कवर क्या होता है?
चूंकि कई बीमारियों के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होना ज़रूरी नहीं होता, उनका इलाज हॉस्पिटल में ठहरे बिना ही डॉक्टरी सलाह से हो जाता है. इसे ओपीडी या आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट कहते हैं जो बीमारियों की डाइग्नोसिस और उनका इलाज संभालता है. मेडिकल कंडीशन जैसे कि
डेंटल चेक-अप, आई टेस्ट या आम बुखार और खांसी जैसी मेडिकल समस्या ओपीडी के तहत आती हैं. इसमें, आप क्लीनिक जा सकते हैं और एक छोटे से अपॉइंटमेंट की कंसल्टेशन फीस देकर दवाएं पा सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस में ओपीडी खर्चों के कवरेज के लाभ
अगर आपने
भारत में हेल्थ इंश्योरेंस लिया है और उसमें ओपीडी कवर है, तो उसके कई फायदे हैं, क्योंकि अधिकतर मामलों में हमें सेहत से जुड़ी मामूली समस्याएं होती हैं. आइए, हम आपको इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताते हैं:
- आप हॉस्पिटलाइज़ेशन की लागत के साथ-साथ पॉलिसी अवधि के दौरान हुए ओपीडी खर्चे भी क्लेम कर सकते हैं
- कुछ मामूली सर्जिकल प्रोसीज़र, जिनके लिए हॉस्पिटल में 24 घंटे रहना ज़रूरी नहीं है, उसे ओपीडी कवर के तहत कवर किया जा सकता है
- ओपीडी कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस खरीदकर आप बहुत सारे क्लीनिकों और कंसल्टेशन रूम वाले हॉस्पिटल की सेवाएं ले सकते हैं
- आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा तय ऊपरी लिमिट के भीतर एक ही पॉलिसी वर्ष में कई बार क्लेम कर सकते हैं
- अपनी इंश्योरेंस कंपनी के आधार पर, आप ओपीडी कवर वाले हेल्थ इंश्योरेंस के तहत फार्मेसी बिल और दवाओं का खर्च भी क्लेम कर सकते हैं
- अधिकतर हेल्थ प्लान में खर्च क्लेम करने के लिए 24 घंटों का हॉस्पिटलाइज़ेशन ज़रूरी होता है, पर ओपीडी कवर वाले हेल्थ इंश्योरेंस में ऐसी कोई ज़रूरत नहीं होती है
ओपीडी कवर के तहत आप निम्न लाभ ले सकते हैं
यहां ओपीडी लाभ के तहत शामिल मेडिकल खर्चों की लिस्ट दी गई है:
- डायग्नोस्टिक फीस
- मामूली सर्जिकल प्रोसीज़र
- दवा के बिल
- डेंटल प्रोसीजर और ट्रीटमेंट
- परामर्श शुल्क
- सुनने की मशीनों, बैसाखियों, लेंस, डेन्चर, चश्मे आदि की कीमत.
- एम्बुलेंस कवर
- आपकी इंश्योरेंस कंपनी के आधार पर, अतिरिक्त कवरेज के लिए अतिरिक्त कवर भी उपलब्ध हो सकते हैं
ओपीडी कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस किसे चुनना चाहिए?
वैसे तो ओपीडी कवर अधिकतर लोगों की हेल्थकेयर ज़रूरतें पूरी करने के लिए सही है, पर आइए समझें कि किसे यह कवर खरीदना चाहिए:
25 से 40 वर्ष की आयु के व्यक्ति
बड़ी सर्जरी या चोटों से हमारा सामना शायद ही कभी होता है, लेकिन आयु बढ़ने के साथ ऐसी बीमारियों की शुरुआत हो जाती है, और यही कारण है कि लोग हेल्थ प्लान लेने के लिए बड़ी आयु तक नहीं रुकते. इससे कई बीमारियों की
प्रतीक्षा अवधि में मदद मिलती है, और प्रीमियम भी सस्ते होते हैं. हमें अक्सर सर्दी-ज़ुकाम होता ही है और हमें दांतों की देखभाल की भी ज़रूरत पड़ती है, जिस कारण ओपीडी कवर एक आकर्षक प्लान बन जाता है. आप वर्ष में कई बार होने वाले ये मामूली खर्च बचाकर अपने पैसों के मामले में चिंता मुक्त रह सकते हैं.
60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति
उम्र बढ़ने के साथ-साथ बीमारियां होने लगती हैं और हड्डियां कमज़ोर हो जाने के कारण चोटें लगने का खतरा बढ़ जाता है. मामूली समस्याओं के लिए बार-बार डॉक्टर को दिखाने जाना आपकी बचत पर भारी पड़ सकता है. आप ओपीडी कवर वाला हेल्थ प्लान खरीद सकते हैं, जो सभी तरह के मेडिकल इलाज के लिए व्यापक कवरेज देता है. इस प्रकार, आप निश्चिंत रह सकते हैं कि आपके रिटायरमेंट फंड का इस्तेमाल किसी-भी हेल्थकेयर खर्च में नहीं होगा. ओपीडी कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस आपके किसी भी हेल्थकेयर खर्च को बचाने में अहम भूमिका निभाता है! इसलिए, सही इंश्योरेंस लें, जो अधिकतम कवरेज देता हो.
*मानक नियम व शर्तें लागू
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.
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