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What Is Sum Insured In Health Insurance?
30 मार्च, 2021

हेल्थ इंश्योरेंस में सम इंश्योर्ड क्या होता है?

इंश्योरेंस पॉलिसी के शब्द दिखने में आसान हो सकते हैं लेकिन उनके अर्थ पेचीदा हो सकते हैं, और इन शब्दों का सही मतलब समझना ज़रूरी है ताकि बाद में परेशानी से बचा जा सके. संभावित पॉलिसीधारक के मन में उठने वाला एक शुरुआती सवाल यह होता है कि उसे कितनी कवरेज या सम इंश्योर्ड की ज़रूरत है? पर उसके लिए, यह जानना ज़रूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस में सम इंश्योर्ड आखिर होता क्या है? इसलिए, अन्य विवरणों पर जाने से पहले आइए हम सम इंश्योर्ड का अर्थ समझते हैं.

सम इंश्योर्ड का मतलब

पॉलिसीधारक को कोई नुकसान या क्षति होने पर, इंश्योरेंस कंपनी ज़्यादा-से-ज़्यादा जिस राशि का भुगतान कर सकती है, उसे सम इंश्योर्ड कहा जाता है. कभी-कभी लोग इसे हेल्थ इंश्योरेंस के तहत अधिकतम कवरेज भी कहते हैं. इसलिए कहा जा सकता है कि अगर आप किसी कारण से हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी सम इंश्योर्ड की सीमा तक पूरी राशि का भुगतान करेगी, बशर्ते उस स्थिति को लाभ में से स्पष्ट रूप से बाहर न रखा गया हो. अगर असल खर्च सम इंश्योर्ड से ज़्यादा हैं, तो अतिरिक्त राशि पॉलिसीधारक को खुद चुकानी होगी. उदाहरण: मान लें कि श्री राहुल के पास रु. 5 लाख के सम इंश्योर्ड वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है. एक दिन उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ता है और वे रु. 3.8 लाख का बिल क्लेम करते हैं. क्लेम अप्रूव हो जाता है. कुछ समय बाद किसी और कारण से उन्हें एक बार फिर हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ता है और इस बार रु. 2 लाख का बिल बनता है. इस बार इंश्योरेंस कंपनी केवल रु. 1.2 लाख चुकाएगी, और बाकी पैसे श्री राहुल को खुद चुकाने होंगे.

प्रीमियम राशि पर सम इंश्योर्ड का क्या असर होता है?

सम इंश्योर्ड किसी भी अनहोनी के मामले में एक वर्ष में कवर किए जाने वाले अधिकतम नुकसान की ऊपरी सीमा होता है. सम इंश्योर्ड जितना ज़्यादा होता है, कोई क्लेम किए जाने पर इंश्योरेंस कंपनी को उतनी ही ज़्यादा राशि चुकानी होती है. इसलिए, ज़्यादा सम इंश्योर्ड चुनने पर चुकाया जाने वाला इंश्योरेंस प्रीमियम भी बढ़ जाता है.

सम अश्योर्ड और सम इंश्योर्ड में अंतर.

सम अश्योर्ड और सम इंश्योर्ड में अंतर, पॉलिसी का एक बेहद तकनीकी पक्ष है. ये शब्द देखने और सुनने में भले ही एक जैसे लगें, पर असल में ये पूरी तरह अलग हैं. सम अश्योर्ड वह तय राशि है जो किसी विशेष घटना के होने या नहीं होने पर चुकाई जाती है. वहीं दूसरी ओर, सम इंश्योर्ड का मतलब है वह अधिकतम राशि जो किसी विशेष घटना के होने पर भुगतान की जाएगी. सम अश्योर्ड आम तौर पर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में देखने को मिलता है, जबकि सम इंश्योर्ड बाकी पॉलिसी में ज़्यादा देखने को मिलता है.

सही सम इंश्योर्ड का महत्व

It provides you a sense of security in terms that even if something happens to you today, your lifelong savings will not get exhausted over treatment, and you will be left with some money to go through your later stages of life. A sense of financial security gives you peace of mind and reduces stress. What better than that in times when people live under the constant pressure of various matters. An adequate sum insured is most important in cases where you have opted for a फैमिली फ्लोटर पॉलिसी. अगर एक ही परिवार के कई सदस्यों के साथ कुछ हो जाता है तो परिवार के फाइनेंशियल मामलों में समय बेहद अहम साबित हो सकता है.

सही सम इंश्योर्ड कैसे चुनें?

आयु कारक

सम इंश्योर्ड तय करने में आयु की अहम भूमिका होती है. बुढ़ापे में बीमारी होने की संभावना ज़्यादा होती है, जिससे ज़्यादा सम इंश्योर्ड की ज़रूरत भी बढ़ जाती है. इसलिए कहा जा सकता है कि काल करे सो आज कर, आज करे सो अब.

मौजूदा सेहत

आपको अपने और अपने निकट संबंधियों के मेडिकल इतिहास पर नज़र डालनी होगी और सम इंश्योर्ड तय करना होगा क्योंकि अगर आपके निकट संबंधियों को कुछ पहले से मौजूद बीमारियां हैं तो आपको कभी-न-कभी उनमें से कोई बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है.

लाइफस्टाइल

एक बात तो हम सब जानते हैं कि तनाव बाकी किसी भी चीज़ से ज़्यादा नुकसान करता है. साथ ही, कई नौकरियां ऐसी होती हैं जिनमें काम तनावपूर्ण होता है, और कुछ ऐसी होती हैं जो आपको किसी खास बीमारी के जोखिम में डालती हैं. सम इंश्योर्ड तय करते समय इन सारी बातों को ध्यान में रखा जाता है.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1 . क्या इंश्योरेंस कंपनी आपको नुकसान से ज़्यादा का भुगतान करेगी बशर्ते वह सम इंश्योर्ड सीमा के भीतर हो? हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी भरपाई के सिद्धांत पर काम करती है. यानि इंश्योरेंस कंपनी पर पॉलिसीधारक को हुए नुकसान या डैमेज की भरपाई की ज़िम्मेदारी है. मतलब कि पॉलिसीधारक इस पॉलिसी से कोई लाभ पाने का हकदार नहीं है. इस पॉलिसी का उद्देश्य पॉलिसीधारक के सिर से मेडिकल खर्चों और हॉस्पिटलाइज़ेशन के खर्चों का बोझ घटाना है. 2. क्या कागज़ी पॉलिसी की जगह ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस चुनने से कोई फर्क पड़ता है? आपके पास ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस हो या ऑफलाइन, इससे सम इंश्योर्ड पर या पॉलिसी के दूसरे पहलुओं पर कोई असर नहीं पड़ता है.   *मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.

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