हर गुज़रते दिन के साथ नई-नई बीमारियों का पता चल रहा है और महंगाई भी तेज़ी से बढ़ रही है. इन हालात को देखते हुए, हो सकता है कि मेडिकल एमरजेंसी में आपके मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान नाकाफी साबित हों. इसका सीधा-सा कारण यह है कि आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस कवर रु. 3 से 5 लाख तक होता है. इसलिए, अपने कुल मेडिकल खर्चों के भुगतान के लिए आपको अतिरिक्त कवरेज की ज़रूरत पड़ सकती है.
सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?
सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस एक अतिरिक्त पॉलिसी है और आपके मौजूदा
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के साथ एक बेस पॉलिसी के रूप में काम करती है; अगर आपके मेडिकल खर्चे बेस पॉलिसी के सम इंश्योर्ड से अधिक हो जाते हैं, तो आप अतिरिक्त खर्चों को सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस के तहत उसकी इंश्योर्ड राशि की सीमा तक क्लेम कर सकते हैं.
यह दूसरे टॉप अप प्लान से कैसे अलग है?
- डिडक्टिबल: सामान्य टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस के तहत, डिडक्टिबल प्रति क्लेम आधार पर लागू होता है. अगर प्रत्येक क्लेम राशि डिडक्टिबल राशि से अधिक नहीं होती है, तो आपको उस बिल का क्लेम नहीं मिलेगा. लेकिन क्या है सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस; एक पॉलिसी वर्ष के दौरान किए गए कुल क्लेम पर डिडक्टिबल लागू होता है.
- क्लेम की संख्या: दूसरी टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पॉलिसी वर्ष के दौरान केवल एक क्लेम स्वीकार करती हैं. ऐसे में अगर उसी वर्ष दोबारा क्लेम करने की ज़रूरत पड़ जाए, तो क्या होगा? यहीं सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी काम आती है.
साधारण टॉप अप पॉलिसी खरीदें या सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी?
अगर आपके ऐसे नियमित मेडिकल खर्च नहीं होने वाले हैं, जिनके लिए क्लेम करने की ज़रूरत पड़ती है, तो आपके लिए साधारण टॉप अप काफी हो सकता है. अगर आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या आपकी आयु 50 के आस-पास या उससे अधिक है, तो हमारी सलाह है कि आप सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लें.
आपको आपकी बेस पॉलिसी में सम इंश्योर्ड न बढ़ाकर सुपर टॉप अप क्यों चुनना चाहिए?
अगर आप
सम इंश्योर्ड का मतलब जानते हैं, तो आपको यह भी पता होगा कि इसे बढ़ाने पर वार्षिक प्रीमियम भी बढ़ता है. वहीं दूसरी ओर, अगर आप अपनी ज़रूरत के अनुसार सुपर टॉप अप पॉलिसी चुनते हैं, तो बढ़े हुए सम इंश्योर्ड के लिए चुकाया जाने वाला प्रीमियम थोड़ा कम होता है.
आप अपने लिए सही सुपर टॉप अप पॉलिसी कैसे चुन सकते हैं?
सबसे पहला और सबसे अहम निर्णय, आपको डिडक्टिबल तय करनी होगी. हमारी सलाह है कि आप डिडक्टिबल की राशि बेस पॉलिसी के सम इंश्योर्ड के बराबर या कम से कम उसके आस-पास रखें. आपको अपने द्वारा भुगतान योग्य राशि के लिए कवर मिलता है, बशर्ते कि वह राशि सुपर टॉप अप प्लान के सम इंश्योर्ड के दायरे में हो.
उदाहरण:
मान लें कि आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में बेस पॉलिसी का सम इंश्योर्ड रु. 3 लाख है और उसमें रु. 50000 का को-पेमेंट क्लॉज़ है, और आपके पास रु. 3 लाख की डिडक्टिबल वाली सुपर टॉप अप पॉलिसी है. अब, मान लें कि आपके रु. 1.5 लाख के मेडिकल खर्चे होते हैं. आपको रु. 50000 चुकाने होंगे और इंश्योरेंस कंपनी रु. 1 लाख चुकाएगी. मान लें कि बाद में उसी पॉलिसी वर्ष में एक बार फिर आपके रु. 4 लाख के मेडिकल खर्चे होते हैं. अब आप बेस पॉलिसी के तहत रु. 1.5 लाख और सुपर टॉप अप पॉलिसी के तहत रु. 2.5 लाख का क्लेम कर सकते हैं.
जब कोई खरीदता है
टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी, तो उसे 'नेट कवरेज' ज़रूर चेक करना चाहिए, जो सम इंश्योर्ड में पॉलिसीधारक द्वारा भुगतान योग्य डिडक्टिबल को घटाने से मिलती है.
उदाहरण:
रिया के पास रु. 8 लाख के सम इंश्योर्ड और रु. 3 लाख की डिडक्टिबल वाली सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है. इसका मतलब है कि उसकी नेट कवरेज रु. 5 लाख है.
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क्लेम की राशि किन पैरामीटर के आधार पर तय होती है?
क्लेम की राशि विभिन्न पैरामीटर के आधार पर निर्धारित की जाती है. क्लेम की राशि निर्धारित करने में प्री-डायग्नोसिस चेकअप, एम्बुलेंस या अन्य ट्रांसपोर्टेशन खर्च, कमरे की कैटेगरी,
नेटवर्क या नॉन-नेटवर्क हॉस्पिटल्स, और अन्य बहुत सारे कारकों पर विचार किया जाता है. अब अगर दोनों पॉलिसी के लिए पैरामीटर एक जैसे ही हैं, तो यह बेहतर ही है क्योंकि क्लेम करने के लिए दोबारा कैलकुलेशन की ज़रूरत नहीं पड़ती है.
उदाहरण:
अगर बेस पॉलिसी की शर्तों के अनुसार सम इंश्योर्ड रु. 3 लाख है और क्लेम राशि रु. 4 लाख है, तो आपको सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस के तहत अतिरिक्त क्लेम करना होगा. हालांकि, सुपर टॉप अप पॉलिसी की शर्तों के अनुसार उसके तहत पात्र क्लेम राशि रु. 3.5 लाख है और आपके सुपर टॉप-अप की डिडक्टिबल रु. 3 लाख है, तो आपको केवल रु. 50000 का अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. क्या सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर मुझे टैक्स लाभ मिलेगा?
हां, चुकाए गए सुपर टॉप-अप प्रीमियम के लिए आपको सेक्शन 80डी के तहत इनकम टैक्स कटौती मिलती है.
2. क्या इस पॉलिसी को लेने से पहले कोई मेडिकल टैस्ट ज़रूरी होता है?
वैसे तो यह बात कंपनी पर निर्भर है, लेकिन अगर आपको
पहले से मौजूद बीमारियां हैं, तो यह पॉलिसी उसके लिए या अगर आपकी आयु एक तय लिमिट, जैसे 45 या 50 वर्ष से अधिक है, तो कुछ टेस्ट ज़रूरी कर सकती है.
3. क्या सुपर टॉप अप केवल इंडिविजुअल पॉलिसी के रूप में मिलता है या यह फैमिली फ्लोटर के साथ भी मिलता है?
इसमें दोनों प्रकार होते हैं, व्यक्तिगत पॉलिसी और
फैमिली फ्लोटर पॉलिसी. आपको अपनी ज़रूरतों के आधार पर चुनाव करना होता है.
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