ड्राइवरों के लिए अपने वाहन पर नियंत्रण खोने से ज़्यादा डरावना कुछ नहीं है. ऐसा होने पर न केवल ड्राइवर की वाहन चलाने की क्षमता पर असर पड़ता है, बल्कि अनुभवी ड्राइवर भी बेबस हो जाता है. नियंत्रण छूटने के बहुत से कारण हो सकते हैं. वाहन का बेकाबू होना या फिसलना इसका एक प्रमुख कारण है. मानसून का सीज़न शुरू होने के बाद, दुर्घटनाओं का जोखिम तेज़ी से बढ़ गया है, आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं कि वाहन बेकाबू कैसे होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
वाहन के बेकाबू हो जाने का मतलब क्या है?
इसका मतलब है कि गीली जगहों पर कार के टायरों का फिसल जाना. कार के टायर के नियंत्रण करने की क्षमता से अधिक पानी होने के कारण ऐसा होता है. यह पानी के दबाव की वजह से होता है, जो पानी को टायर के सामने से टायर के नीचे ले आता है. जब टायर और सड़क के बीच पतली सी पानी की परत बन जाती है, तो इसकी वजह से सड़क और पानी के बीच का घर्षण खत्म हो जाता है. इसकी वजह से आप वाहन के स्टीयरिंग, ब्रेक और पावर कंट्रोल पर से नियंत्रण खो देते हैं.
वाहन बेकाबू कब होता है?
वाहन किसी भी गीली सतह पर बेकाबू हो सकता है, लेकिन हल्की बरसात के पहले 10 मिनट सबसे खतरनाक साबित हो सकते हैं. जब सड़क पर गिरे बारिश के पानी में सड़क पर फैला तेल मिल जाता है, तो वाहनों के फिसलने की स्थिति बन जाती है, खास तौर पर वे वाहन बेकाबू हो जाते हैं, जो तेज़ गति से चल रहे हैं. दुर्घटना होने का खतरा खराब मौसम, जैसे- कोहरा, बारिश, बर्फबारी आदि में अधिक हो जाता है. यह ज़रूरी नहीं है कि वाहन ऐसे मौसम में ही बेकाबू हो. आमतौर पर, यह अचानक होने वाली स्थिति होती है और ड्राइवर इसके लिए तैयार नहीं होते हैं.
वाहन को बेकाबू होने से रोकने के लिए सुझाव
1.पानी वाले गड्ढों और पानी से भरे हुए स्थान से बचें
वाहन ऐसी जगहों पर आसानी से बेकाबू हो जाते हैं, जहां पानी भरा हुआ होता है, क्योंकि यह पानी की हल्की सी परत बनने के कारण होती है. इसलिए, ऐसी जगहों से बचें.
2.वाहन को बेकाबू होने से रोकने के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किए गए हाई क्वालिटी टायर लें
अपने टायर को नियमित अंतराल पर बदलते रहें. भीगी सड़कों पर घिसे हुए टायरों वाला वाहन चलाना खतरनाक साबित हो सकता है. यह बारिश वाले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है. जब भी आप वाहन का ऑयल बदलवाएं, तो वाहन के लगभग 11,000 किलोमीटर चलने के बाद, अपने वाहन के टायर को रोटेट करें और बैलेंस करें.
3.वाहन की गति पर नियंत्रण रखें
जैसे ही बारिश शुरू हो, अपने वाहन को धीमी गति से चलाएं. सेफ्टी एक्सपर्ट का कहना है कि आमतौर पर वाहन के बेकाबू होने की घटना तब होती है, जब वाहन की गति 57 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होती है. मानसून के दौरान वाहन चलाने के लिए तय गति सीमा से 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे कम की गति से ड्राइव करें. इसके अलावा अचानक तेज़ गति से वाहन चलाने से भी बचना चाहिए.
4.बारिश में क्रूज़ फंक्शन को बंद रखें
गीली सड़कों पर गाड़ी चलाते समय कभी भी अपनी कार के क्रूज़ फंक्शन का उपयोग न करें. अगर आप क्रूज़ फंक्शन के साथ हाइड्रोप्लेन शुरू करते हैं, तो अपनी कार पर दोबारा नियंत्रण प्राप्त करने से पहले फंक्शन को बंद करने में समय लगेगा.
वाहन बेकाबू होने पर क्या करें?
- वाहन बेकाबू होने के तुरंत बाद एक्सीलरेटर से अपना पैर हटा लें
- वाहन बेकाबू होकर जिस ओर फिसल रहा है, उस ओर धीरे-धीरे से अपने स्टीयरिंग को घुमाएं.
- तब तक इंतज़ार करें, जब तक आपको महसूस नहीं होता कि टायर वापस सड़क की सतह से जुड़ चुके हैं.
- अपने वाहन को बेकाबू होने से बचाने के बाद, अपनी यात्रा को फिर से शुरू करने से पहले शांत हो जाएं और गहरी-लंबी सांसें लें.
मानसून अपने साथ अप्रत्याशित जोखिम भी लेकर आता है, इसलिए खुद को सुरक्षित करना ज़रूरी है. अपनी कार का इंश्योरेंस कराएं और फाइनेंशियल नुकसान से खुद को बचाएं. खुद को सुरक्षित करने के लिए
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