अगर आपने कभी सामान विदेश भेजा है, तो ज़रूर पता होगा कि लोगों का एसेट इस प्रोसेस के दौरान कितना खतरे में होता है. एक विक्रेता के रूप में, आपका भेजा गया सामान रास्ते में होता है. खरीदार उस सामान को पाने और अपने काम में उस सामान का उपयोग करने के लिए इंतज़ार कर रहे होते हैं. कार्गो, शिपिंग और ट्रांसपोर्टेशन कंपनियों के पास शिपमेंट को समय पर पहुंचाने की ज़िम्मेदारी होती है. इस प्रोसेस में एक मामूली चूक की वजह से देरी या दुर्घटना हो सकती है या फिर सामान को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे जोखिम पूरे खरीद-बिक्री सिस्टम में हो सकते हैं और इसकी वजह से उन बिज़नेसों को भी फाइनेंशियल नुकसान पहुंच सकता है, जो सीधे इस प्रोसेस से संबंधित नहीं है. मरीन इंश्योरेंस पॉलिसी आपको भविष्य की अनिश्चितताओं और आपके शिपमेंट पर पड़ने वाले इसके प्रभाव से सुरक्षित कर सकती है.
मरीन इंश्योरेंस क्या है?
मरीन इंश्योरेंस
कमर्शियल इंश्योरेंस पॉलिसी का एक रूप है, जिसे बिज़नेस, लॉजिस्टिक्स कंपनियों और पूरे विश्व से सामान खरीदने वालों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. सप्लाई चेन में आपकी क्या भूमिका है, इसके आधार पर मरीन इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी वैल्यू निर्धारित करती है. शिपमेंट कंपनियां जहाज़, उपकरण और जहाज़ पर मौजूद फर्नीचर जैसे सामान को इसके माध्यम से सुरक्षित कर सकती हैं. विक्रेता इस प्रोसेस के दौरान चोरी होने, सामान को नुकसान पहुंचने या सामान पहुंचने में देरी होने से हुए नुकसान से अपने आपको सुरक्षित कर सकते हैं. और खरीदार, ऐसे सामान के लिए भी सुरक्षा पा सकते हैं, जिसके लिए वे पहले से भुगतान कर चुके हैं, लेकिन ऐसा तब ही होगा, जब वे शिपमेंट के लॉजिस्टिक्स के लिए सीधे ज़िम्मेदार होंगे.
मरीन इंश्योरेंस के प्रकार क्या हैं?
बिज़नेस करने वाले ऐसे लोगों के लिए, जो कार्गो, ट्रांजिट और मरीन ट्रांसपोर्टेशन कंपनियों के साथ नियमित रूप से बिज़नेस करते हैं, उनके लिए
मरीन इंश्योरेंस के प्रकार को समझना, रिस्क मैनेजमेंट के लिए बेहतर हो सकता है, क्योंकि
मरीन इंश्योरेंस के प्रकार इंश्योरेंस कवर, जोखिम के मापदंडों और बुनियादी एसेट की अवधारणा पर निर्भर करते हैं. इन
मरीन इंश्योरेंस के प्रकार पॉलिसी को कवरेज और इंश्योरेंस कॉन्ट्रैक्ट स्ट्रक्चर के आधार पर सामान्य रूप से दो प्रकारों में बांटा गया है.
मरीन इंश्योरेंस के प्रकार के बारे में जानें, जो कवरेज के प्रकार के अनुसार हैं
- मरीन कार्गो इंश्योरेंस: यह मरीन इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकारों में से एक ऐसा प्रकार है, जो व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण हैं. यह इंश्योरेंस पॉलिसी कार्गो, टैंकर और थर्ड-पार्टी देयताओं को कवर करती है.
कार्गो को, अनलोड या लोड करते समय या फिर ट्रांज़िट के दौरान या किसी दुर्घटना में नुकसान पहुंच सकता है. क्योंकि शिप-मालिक और कार्गो ऑपरेटर बड़े पैमाने पर बिज़नेस करते हैं, इसलिए वे बहुत से लोगों के लिए ज़िम्मेदार होते हैं. अगर उनके पास थर्ड-पार्टी कवरेज है, तो जहाज़ के दुर्घटनाग्रस्त होने पर वे नुकसान से जुड़ी हर एक पार्टी की देयताओं से सुरक्षित रहते हैं. यही इंश्योरेंस पॉलिसी बड़े टैंकर और कार्गो ले जाने वाले शिप को भी कवर करती है.
- डैमेज लायबिलिटी इंश्योरेंस: मरीन इंश्योरेंस पॉलिसी का यह रूप आमतौर पर किसी एसेट से जुड़े बहुत से अप्रत्याशित जोखिमों को कवर करने के लिए बेहतर है. अगर समुद्री मार्गों से ट्रांज़िट के दौरान एसेट को किसी भी समय कोई नुकसान पहुंचता है, तो इसे उस इंश्योरेंस से कवर किया जा सकता है, जिसका नाम है कम्प्रीहेंसिव डैमेज लायबिलिटी इंश्योरेंस.
- हल इंश्योरेंस: ऐसा हो सकता है कि कार्गो किसी और व्यक्ति का हो और उसका लॉजिस्टिक्स कोई दूसरा संभाल रहा हो और उस कार्गो को लेने के लिए कोई तीसरी पार्टी आए, ऐसे में जहाज़ मालिक को यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि उसे जोखिम कम हो. हल इंश्योरेंस प्लान जहाज़ पर मौजूद ऐसी सब चीज़ों को कवर करता है, जिनका मालिकाना हक जहाज़ मालिक के पास है.
- डैमेज़्ड या लॉस्ट फ्रेट इंश्योरेंस: अगर शिपमेंट को नुकसान पहुंचता है या वह ट्रांज़िट के दौरान खो जाता है, तो शिपिंग कंपनी पर एक ही बार में बहुत से लोगों की देनदारी हो सकती है. और व्यावहारिक तौर पर ऐसा किसी भी रूट पर होने की संभावना है. यह इंश्योरेंस कवर शिपिंग कंपनी को उसके सीधे नियंत्रण से बाहर की किसी घटना से होने वाले नुकसान की भरपाई पाने में मदद करता है.
मरीन इंश्योरेंस के प्रकार के बारे में जानें, जो प्लान के स्ट्रक्चर के अनुसार हैं
- ओपन पॉलिसी: इसमें सभी शिपमेंट को एक निर्धारित अवधि के भीतर भेजना होता है.
- वन-ईयर या टाइम्ड पॉलिसी: यह पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट की एक निश्चित अवधि तक के लिए मान्य होती है.
- वॉयेज-बेस्ड इंश्योरेंस कवर: इसमें जैसे ही किसी विशेष अवधि के लिए विशिष्ट यात्रा समाप्त हो जाती है, वैसे ही पॉलिसी की अवधि भी समाप्त हो जाती है. कुछ ऐसी हाइब्रिड पॉलिसी भी हैं, जो टाइम्ड प्लान और वॉयेज-बेस्ड प्लान, दोनों को कवर करती हैं.
- पोर्ट-रिस्क कवर: जैसा कि नाम से पता चलता है, यह इंश्योरेंस पॉलिसी जहाज़ के पोर्ट पर मौजूद रहने के दौरान होने वाले नुकसान को कवर करती है.
- कार्गो वैल्यू कवर: कार्गो की कीमत सहमति के अनुसार पहले से ही इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट में निर्धारित होती है. बाद में इतनी ही वैल्यू को इंश्योर्ड किया जाता है.
- फ्लोटिंग प्लान (नियमित कस्टमर के लिए आदर्श): ऐसे सभी बिज़नेसमैन, इम्पोर्ट्स और एक्सपोर्ट्स या शिपमेंट कंपनियां, जो नियमित रूप से सामान भेजते रहते है, उन्हें इस कवर को लेना चाहिए. यह जहाज़ के समुद्र रास्ते में होने पर उन्हें सामान के लिए विशेष कवरेज देता है. अन्य जानकारियां बाद में बताई जाती हैं. इससे समय की बचत होती है और आवश्यक सुरक्षा भी मिल जाती है.
- वेजर: यह कवर केवल बड़े नुकसान के लिए ही क्षतिपूर्ति प्रदान करता है. जिसके लिए कोई राशि पहले से निर्धारित नहीं की जाती है.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. सामान की कीमत किस आधार पर निर्धारित की जाती है?
बिल में लिखी कीमत, इंश्योरेंस और भाड़े की लागत के आधार पर ट्रांज़िट में मौजूद सामान की कीमत निर्धारित की जाती है.
2. क्या मरीन इंश्योरेंस ग्लोबल कवरेज प्रदान करता है?
हां. कुछ खास पॉलिसी ग्लोबल कवरेज प्रदान करती हैं.
*मानक नियम व शर्तें लागू
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.
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