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20 मई, 2022

आईआरडीएआई और उसकी भूमिका के बारे में जानें

भारत में, इंश्योरेंस का इतिहास बहुत पुराना है. इंश्योरेंस की अवधारणा बहुत वर्षों पहले की है, जब उस समय के लोगों ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी प्रकार की सुरक्षा या सुरक्षा कवच की ज़रूरत महसूस की. समय के साथ इस आवश्यकता के चलते ही इंश्योरेंस की शुरुआत हुई. समय बीतने के साथ-साथ, इंश्योरेंस की अवधारणा का भी विकास हुआ. आईआरडीएआई, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का संक्षिप्त रूप है. आसान शब्दों में कहें, तो आईआरडीएआई भारत में इंश्योरेंस संबंधित नियामक संस्था है. इसका काम भारत में मौजूद जनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस, दोनों तरह की कंपनियों के कामकाज की देखरेख करना है. इस आर्टिकल में हम संक्षिप्त रूप से जानेंगे कि आईआरडीएआई क्या है और इसके द्वारा कौन से महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं.

आईआरडीएआई की शुरुआत

  • 1999 में बने एक्ट के बाद स्वायत्त निकाय के रूप में इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, आईआरडीएआई अस्तित्व में आई.
  • आईआरडीएआई का मिशन पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा करना, भारतीय इंश्योरेंस सेक्टर को नियंत्रित करना, इंश्योरेंस और इसके क्षेत्र को आगे बढ़ाना, साथ ही इस सेक्टर से जुड़े मामलों या आकस्मिक मामलों पर ध्यान देना है.

आईआरडीएआई: संक्षिप्त जानकारी

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक नियामक संस्था है. आईआरडीएआई, भारत के वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसका कार्य देश भर में इंश्योरेंस और री-इंश्योरेंस, दोनों तरह की इंडस्ट्री को लाइसेंस प्रदान करना और उनका नियंत्रण करना है. आईआरडीएआई द्वारा न केवल पॉलिसीधारक के हितों की सुरक्षा की जाती है, बल्कि भारतीय इंश्योरेंस इंडस्ट्री का नियंत्रण भी किया जाता है. हम सभी भारत में संयुक्त परिवार की अवधारणा के बारे में जानते हैं. प्रत्येक संयुक्त परिवार में एक व्यक्ति प्रमुख होता है. अधिकतर संयुक्त परिवारों में प्रमुख की भूमिका दादा-दादी या नाना-नानी आदि निभाते हैं, जो पूरे परिवार की देखरेख करते हैं. यही प्रमुख व्यक्ति घर के हर मामले का निर्णय लेते हैं, जैसे क्या सही है या क्या सही नहीं है और परिवार के दूसरे सदस्यों को बताते हैं कि क्या करना है, कैसे करना है और क्या नहीं करना है. जिस तरह परिवार का प्रमुख व्यक्ति परिवार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, ठीक उसी तरह आईआरडीएआई द्वारा ऐसे निर्धारित नियमों और दिशानिर्देशों के साथ इंश्योरेंस इंडस्ट्री का संचालन किया जाता है, जिनका पालन करना इंश्योरेंस कंपनियों के लिए आवश्यक होता है. भारत में इंश्योरेंस से संबंधित सर्वोच्च संस्थान, आईआरडीएआई के बारे में यहां और अधिक जानकारी पाएं:

भारतीय इंश्योरेंस इंडस्ट्री में आईआरडीएआई की भूमिका के बारे में जानें

वे दिन गए, जब इंश्योरेंस कंपनियां अंडरराइट करने के लिए, अपनी पसंद के आधार पर क्लेम को अस्वीकार कर देती थीं. क्लेम स्वीकार करने का फैसला, इस बात पर भी निर्भर करता था कि इंश्योरेंस कंपनियों जोखिम को सही या गलत में से क्या सोचती हैं. ऐसे मामलों में कमी लाने के लिए और कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए आईआरडीएआई की स्थापना की गई. जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारत के बैंकों को RBI के दिशानिर्देशों का पालन करना होता है. उदाहरण के तौर पर, बैंकर किसी अकाउंट धारक के साथ अभद्र व्यवहार नहीं कर सकते. बैंक RBI द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार लोन और ब्याज प्रदान करते हैं. इससे बैंक अपनी मनमानी नहीं कर पाते और वे लोगों के हितों के लिए बेहतर ढंग से काम करते हैं. इंश्योरेंस इंडस्ट्री में आईआरडीएआई की भूमिका के बारे में यहां जानें:
  • इंश्योरेंस सेक्टर की व्यवस्थित बढ़ोत्तरी को सुनिश्चित करना, ताकि इससे लोगों को पॉलिसी में इन्वेस्ट करने और सुरक्षित रहने में मदद मिल सके
  • इंश्योरेंस मार्केट में बिज़नेस के उचित तरीकों और ईमानदारी के मानकों को बढ़ावा देना
  • पॉलिसीधारक के हितों की सुरक्षा करना, ताकि व्यवस्था पर उनको भरोसा हो
  • क्लेम सेटलमेंट के प्रोसेस को तेज़ बनाना और इससे संबंधित विवादों का समय पर समाधान करना
  • धोखाधड़ी या स्कैम का पता लगाने के लिए मानक स्थापित करना और सतर्कता बनाए रखना

संक्षेप में

आईआरडीएआई, भारतीय इंश्योरेंस कंपनियों को रेगुलेशन या नियमों में बदलाव के मामले में जानकारी देता है. इससे संचालन, प्रीमियम और इंश्योरेंस से संबंधित विभिन्न खर्चों के मामले में, इंश्योरेंस बिज़नेस को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. सुनिश्चित करें कि आपने हेल्थ इंश्योरेंस, बाइक इंश्योरेंस, मोटर इंश्योरेंस पॉलिसीआदि जैसी उचित पॉलिसी खरीदकर पूरी तरह से खुद को सुरक्षित कर लिया है. आईआरडीएआई की भूमिका केवल उपरोक्त चीज़ों तक ही सीमित नहीं है. इसकी भूमिका में इंश्योरर को देश में बिज़नेस करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रदान करना या विभिन्न अन्य कार्य पूरे करना भी शामिल हैं. पारदर्शिता और समय पर नियमों में बदलाव के मामले में आईआरडीएआई की भूमिका महत्वपूर्ण है.   *मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.

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