हमारे टू व्हीलर हमारे सच्चे सेवक होते हैं. हमारे टू व्हीलर खराब से खराब और अच्छे से अच्छे हालात में, ट्रैफिक वाले सड़कों से लेकर चट्टानी इलाकों तक हमारे साथ रहते हैं और हम इनका सबसे अधिक उपयोग करते हैं. ये हमारा बहुत समय बचाते हैं और सड़कों पर हमारी यात्रा को आरामदायक और परेशानी से मुक्त बनाते हैं. जब कोई हमारे लिए इतना कुछ करता हो, तो यह ज़रूरी है कि हम भी उसका ध्यान रखें. आप
टू व्हीलर इंश्योरेंस , नियमित रूप से बाइक की मेंटेनेंस और देखभाल करना उससे प्यार जताने का सबसे अच्छा तरीका है. आपकी बाइक मक्खन-सी चलती रहे यह सुनिश्चित करने के कुछ उपयोगी सुझाव इस प्रकार हैं:
इंजन ऑयल चेक - इंजन ऑयल का लेवल हमेशा सही बनाए रखें और इसे हर 3000-5000 km पर बदल दें क्योंकि इसमें कार्बन डिपॉज़िट इकट्ठे हो जाते हैं. ऐसा नहीं करने पर इंजन में ऑयल की खपत बढ़ सकती है.
टायर चेक - हर सप्ताह कम से कम एक बार टायरों को चेक करना बाइक मेंटेनेंस प्रोसेस का एक अभिन्न हिस्सा है. हमें हमेशा टूट-फूट, दरारों या छेदों के लिए टायर चेक करने चाहिए. इस चेक के साथ-साथ, नियमित रूप से व्हील बैलेंस और अलाइनमेंट भी चेक करें.
बाइक चेन - बाइक चेन ढीली नहीं होनी चाहिए और अच्छी तरह से ऑयल में तर होनी चाहिए. चेन को और कोई देखभाल नहीं चाहिए, वह बिना किसी रिप्लेसमेंट के 30,000 किलोमीटर तक चल जाती है.
फोर्क ऑयल - फोर्क ऑयल स्पीड ब्रेकर और खराब सड़कों पर होने वाले नुकसान से बाइक की रक्षा करता है. इसे समय-समय पर चेक करना चाहिए और जब मैकेनिक कहे तब बदल देना चाहिए.
ब्रेक पैड - ब्रेक पैड पर सबसे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है क्योंकि राइड इन पर निर्भर करती है. ब्रेक पैड को हर 7000-10000 किलोमीटर पर चेक करने की सलाह दी जाती है और जब भी वे 2 mm से पतले हो जाएं तो उन्हें बदल देना चाहिए.
एयर फिल्टर - भारत में अत्यधिक प्रदूषण के कारण एयर फिल्टर बहुत आसानी से जाम हो जाते हैं. इसलिए एयर फिल्टर को नियमित रूप से बदलना चाहिए.
बैटरी की मेंटेनेंस - आम तौर पर बैटरी दो वर्ष चलती हैं, उन्हें हमेशा चार्ज रखना चाहिए. मैकेनिक से दिखवा लेने के बाद, अगर बैटरी की लाइफ पूरी हो गई हो तो उसे बदला जा सकता है.
क्लच एडजस्टमेंट - गियर बदलने में क्लच का उपयोग होता है, इसलिए यह बहुत उपयोग में आता है. इसे हमेशा अच्छे से एडजस्ट करना चाहिए और बहुत भींचना नहीं चाहिए. क्लच अधिक कसा हो तो आप स्लिप हो सकते हैं और इससे ईंधन भी अधिक खर्च होता है.
स्पार्क प्लग - इन्हें हर 6000-12000 किलोमीटर पर चेक करना चाहिए. इनकी अनदेखी करने पर टू व्हीलर में बहुत सी तकनीकी समस्याएं होती हैं.
राइडिंग स्पीड - अपनी बाइक को अच्छी स्थिति में रखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उसे हमेशा 40-60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर चलाएं. इससे न केवल बाइक हेल्थी रहेगी बल्कि ईंधन की खपत भी घटेगी. वाहन खरीदना तो बस एक शुरुआत है. असली लाड़-प्यार तो उसका उपयोग शुरू करने के बाद किया जाता है. हम अपनी बाइक को अच्छी स्थिति में रखने के लिए हर संभव उपाय करते हैं; मेंटेनेंस अपनी जगह ठीक है पर हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि टू व्हीलर इंश्योरेंस भी इतना ही महत्वपूर्ण है. वैसे तो
टू व्हीलर इंश्योरेंस थर्ड पार्टी कवर चुनना अनिवार्य है पर हमारी सलाह है कि कोई दुर्घटना होने पर बाइक को और आपको हुए डैमेज के खर्चों से बचने के लिए आप कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस खरीदें.
great , helpful information.