भारत में मान्य वाहन इंश्योरेंस उन अनिवार्य डॉक्यूमेंट में से एक है, जो मोटरबाइक सवार के पास होना चाहिए. सरकारी नियम मोटर व्हीकल एक्ट, 2019 के अनुसार, वाहन इंश्योरेंस के बिना ड्राइव करना गैरकानूनी है. इसके बावजूद, भारत की सड़कों पर चलने वाले लगभग 57% वाहन इंश्योर्ड नहीं हैं. 2017-18 में किए गए सर्वे के अनुसार, यह आंकड़ा 21.11 करोड़ तक पहुंच चुका है. इंश्योर नहीं किए गए वाहनों में से 60% वाहन टू-व्हीलर हैं, जो भारत में वाहनों की सबसे लोकप्रिय कैटेगरी भी है.
बाइक इंश्योरेंस भारत में एक समस्या है. इंश्योर नहीं किए गए वाहनों में से बड़ी संख्या बाइक की होने से यह स्पष्ट होता है, जबकि ऐसे नियम हैं, जिसके तहत उल्लंघन करने पर बाइक सवारों पर भारी जुर्माने लगाते हैं. इस आर्टिकल में हम आपके टू-व्हीलर के इंश्योरेंस का महत्व और उसके न होने के दुष्परिणामों के बारे में जानेंगे.
मोटर व्हीकल एक्ट, 2019
इस एक्ट के अनुसार, मान्य वाहन इंश्योरेंस के बिना टू-व्हीलर चलाना गैरकानूनी है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करते पकड़ा जाता है, तो उसके लिए जुर्माने और जेल के प्रावधान हैं. ऐसा मोटर वाहन के कारण होने वाली बढ़ती मृत्यु दर को कम करने के लिए किया गया है. 2019 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1,49,000 से अधिक मृत्यु हुई थीं. इससे स्पष्ट होता है कि सड़क सुरक्षा, नागरिकों के लिए एक चिंताजनक समस्या है और इसके लिए कठोर नियम बनाने की ज़रूरत है. इसलिए सरकार ने कानूनों के उल्लंघन पर जुर्माने के साथ-साथ, थर्ड-पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस को अनिवार्य बनाया है. इस नियम से दुर्घटना के मामले में थर्ड पार्टी को होने वाले नुकसान के लिए ड्राइवर को इंश्योर किया गया है.
फाइन और जुर्माना
बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी का पालन नहीं करने पर आप पर कई तरह के जुर्माने लगाए जा सकते हैं.
कुछ समय पहले इसके लिए रु. 1000 का जुर्माना लगता था, जिसे बढ़ाकर रु. 2000 कर दिया गया है. कुछ मामलों में 3 महीने की जेल का भी नियम है.
नो क्लेम बोनस या
बाइक इंश्योरेंस में एनसीबी एक ऐसा लाभ है, जो आपको पॉलिसी ऐक्टिव रहने के दौरान कोई क्लेम नहीं करने पर मिलता है. अगर आपके बाइक इंश्योरेंस को समाप्त हुए 90 दिन या इससे अधिक समय हो चुका है, तो एनसीबी खत्म हो जाता है.
अगर बिना इंश्योरेंस वाला वाहन चलाते समय आपसे कोई दुर्घटना हो जाती है, तो न केवल आप पर दंडनीय अपराध (लापरवाही) का आरोप लगेगा, बल्कि आप थर्ड पार्टी को हुए नुकसान के भुगतान के ज़िम्मेदार भी होंगे. आप पर दोहरी मार पड़ सकती है.
बिना बाइक इंश्योरेंस के पकड़े जाने पर क्या होता है?
अगर कोई ट्रैफिक पुलिस अधिकारी आपको वाहन इंश्योरेंस से जुड़े ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए पकड़ लेता है, तो ऐसे अप्रिय हालात में आगे ऐसा हो सकता है. आपको अपने वाहन के सभी कानूनी डॉक्यूमेंट पेश करने को कहा जाएगा. इसमें आपके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), प्रदूषण सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस पॉलिसी आदि सभी डॉक्यूमेंट शामिल हैं. आपको जांच अधिकारी को सभी डॉक्यूमेंट दिखाने होंगे. अगर आपके पास डॉक्यूमेंट नहीं हैं, तो आप पर बाइक इंश्योरेंस जुर्माना लगेगा. आप पर डॉक्यूमेंट की कमी के आधार पर जुर्माना लगाया जाएगा. अलग-अलग डॉक्यूमेंट की कमी पर अलग-अलग जुर्माना लगता है. आपको जुर्माना एक चालान पेपर के रूप में जारी किया जाएगा, जिसका उपयोग करके आपको जुर्माने का भुगतान करना होता है. ऑनलाइन भुगतान विकल्प भी उपलब्ध हैं. अधिकांश मामलों में, चालान का भुगतान राज्य के विभाग की ई-चालान वेबसाइट पर किया जा सकता है. ऑफलाइन भुगतान के लिए नज़दीकी ट्रैफिक विभाग कार्यालय में जाएं. टू व्हीलर इंश्योरेंस के जुर्मानों से बचने के सुझाव
- सुनिश्चित करें कि आपके पास अपने सभी टू-व्हीलर के लिए बाइक इंश्योरेंस हो.
- इंश्योरेंस की डिजिटल और पेपर कॉपी बनाना न भूलें. वाहन में पेपर वाली कॉपी और अपने मोबाइल फोन पर डिजिटल कॉपी रखें.
- अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी की टू व्हीलर इंश्योरेंस रिन्यूअल अवधि का ध्यान रखें और हमेशा समय पर रिन्यू कराएं.
- अनिवार्य थर्ड पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस ज़रूर लें.
संक्षेप में
भारत में ट्रैफिक के हालात और पर्सनल रोड सेफ्टी के गाइडलाइन के अनुसार सभी बाइक मालिक को अपने साथ मान्य बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर चलना है. ऐसा करना एक नैतिक ज़िम्मेदारी है, साथ ही कानूनी दायित्व भी है, जिसे पूरे भारत में सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए बनाया गया है. दुष्परिणामों से बचने के लिए पॉलिसी संबंधी नए नियमों का पालन करें. संंबंधित टू-व्हीलर इंश्योरेंस लेना न भूलें.
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