जब आप कारों के किसी दीवाने के बारे में सोचते हैं तो मन में क्या आता है? तेज़ कारें, व्रूम-व्रूम इंजन, हाई परफॉर्मेंस पार्ट्स, साथ में और भी बहुत कुछ. ये तो नए ज़माने के कार प्रेमियों की चाहतें हैं, लेकिन पहली पीढ़ी के कार प्रेमी अभी-भी आधुनिक चमत्कारों की बजाए विंटेज कारें पसंद करेंगे. बात चाहे उनकी स्टाइल की हो या उनके मालिक होने के गर्व की. इन कारों को आज भी लोग मुड़-मुड़कर देखते हैं. इन विंटेज कारों की मेंटेनेंस आसान नहीं है, इसलिए केवल कुछ ही लोगों के पास ऐसी कारें हैं, ठीक-ठीक कहें तो 3000 लोगों के पास. किसी आम कार के उलट, विंटेज कार की उम्र किसी बेहतरीन पुरानी वाइन की तरह बढ़ती है. वह जितनी पुरानी होती है, उतनी ही मूल्यवान हो जाती है. इसलिए, इस बहुमूल्य संपत्ति को सुरक्षित रखना बेहद ज़रूरी है. कैसे? आसान है, इंश्योरेंस करवाकर. कार इंश्योरेंस पॉलिसी आपको किसी भी फाइनेंशियल लागत को कवर करने में मदद करेगी, नहीं तो आपकी जेब में बड़ा छेद हो सकता है. विंटेज कार होने के कारण, इनके पार्ट्स और रिपेयर की लागतें आसमान चूमती हैं.
किसी कार को कब विंटेज कार माना जाता है?
किसी कार को विंटेज माना जाए इसके लिए उसका विंटेज एंड क्लासिक कार क्लब ऑफ इंडिया (VCCCI) द्वारा प्रमाणन ज़रूरी है. आइए हम पुरानी कारों के प्रकारों पर एक नज़र डालें -
क्लासिक कार: 1940 से 1970 के बीच बनी कार को क्लासिक कार माना जाता है. एक अतिरिक्त शर्त यह है कि इन वाहनों में कोई संशोधन या बदलाव नहीं होना चाहिए, और उनकी स्थिति अधिकतम संभव ओरिजिनल वाहन जैसी होनी चाहिए.
एंटीक कार: विंटेज कार माने जाने की दिशा में अगला कदम है एंटीक कार. ये वे कारें हैं जो 1930 से 1940 के बीच बनी थीं. जैसे-जैसे इन कारों की उम्र बढ़ती है, उन्हें हमेशा चालू हालत और ओरिजिनल कंडीशन में बनाए रखना ज़रूरी होता है. इसके लिए, एंटीक कार इंश्योरेंस पॉलिसी उपयोगी होगी. एंटीक कार इंश्योरेंस से न केवल नियमित मेंटेनेंस लागत को बल्कि मुश्किल से मिलने वाले रिप्लेसमेंट पार्ट्स और रिपेयर के फाइनेंशियल बोझ को भी इंश्योर्ड किया जा सकता है.
विंटेज कार: विंटेज कारें देश की सबसे मूल्यवान और महंगी कारें हैं। 1919 और 1930 के बीच बनी कारों को विंटेज कार कहते हैं. ध्यान दें कि संशोधनों के बावजूद इन कारों का वैल्युएशन नहीं बदलता है. विंटेज कार की मेंटेनेंस और रिपेयर के लिए फाइनेंशियल सहारे के रूप में विंटेज कार इंश्योरेंस का उपयोग किया जा सकता है.
कार इंश्योरेंस आपके विंटेज गौरव को कायम रखने का वन-स्टॉप-सलूशन है. आइए, ऐसी कुछ चीज़ों पर एक नज़र डालें, जिससे प्रभावित होता है प्रीमियम, अगर आपके पास है विंटेज
कार इंश्योरेंस पॉलिसी -
#1. कार की उम्र
आपकी विंटेज या क्लासिक कार इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम तय करने में कार की आयु एक महत्वपूर्ण कारक है. कार जितनी पुरानी होगी, उतना ही अधिक होगा
इंश्योरेंस प्रीमियम. रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट में निर्माण का वर्ष लिखा होता है जिसके आधार पर इंश्योरेंस कंपनी प्रीमियम तय करती है.
#2 आपकी कार का वर्तमान वैल्युएशन
स्टैंडर्ड पॉलिसी के उलट, विंटेज कार इंश्योरेंस प्लान में आपकी कार की वैल्यू एक अलग तरीके से तय होती है. कार इंश्योरेंस कंपनियां एक सर्वेयर अपॉइंट करती हैं जो कार की वैल्यू आंकता है. कुछ मामलों में, इंश्योरेंस कंपनियां विंटेज एंड क्लासिक कार क्लब ऑफ इंडिया द्वारा वैल्युएशन को भी स्वीकार करती हैं.
#3. रिपेयर की भावी लागतें
यह आपकी विंटेज कार के लिए सबसे बड़ी लागत है. इंजीनियरिंग के इन सदाबहार अजूबों के लिए केवल और केवल ऐसे प्रशिक्षित प्रोफेशनल ही चाहिए होते हैं जो इन विंटेज कारों की रिपेयर में विशेषज्ञता रखते हैं। साथ ही, इनके पार्ट्स बेहद महंगे होते हैं और कुछ कारों में खपने वाले पार्ट्स को बहुत जल्दी-जल्दी बदलना पड़ता है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए, सबसे सस्ता क्लासिक कार इंश्योरेंस खरीदने की सलाह नहीं दी जाती है. बल्कि, इस बात की अच्छे से रिसर्च करें कि कौनसी विंटेज कार इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी ज़रूरतों के हिसाब से उचित कवरेज देती है.
#4 तय दूरी
और अंत में, इंश्योरेंस कंपनी हर बार रिन्यूअल के समय यह चेक करती है कि कार कितने किलोमीटर चल चुकी है. अगर आप हर वर्ष एक ही क्लासिक कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं, तो यह जानकारी कंपनी के इंटरनल रिकॉर्ड में मिल जाएगी. यह जानकारी ज़रूरी है, क्योंकि उपयोग जितना अधिक होगा, मेंटेनेंस की लागत भी उतनी ही अधिक होगी. इन कारों के इंजन को चालू हालत में रखने के लिए इन्हें एक खास दूरी तक चलाना ज़रूरी होता है. और अंत में, इंजीनियरिंग के इन विरासती अजूबों की मेंटेनेंस आसान नहीं है. इन कारों को चालू हालत में बनाए रखने के लिए डेडिकेशन चाहिए, और पार्ट्स व लेबर आदि की व्यवस्था के लिए मज़बूत फाइनेंशियल सहारा चाहिए. कार की मेंटेनेंस करने और उसे आने वाले कई दशकों तक चालू हालत में बनाए रखने के लिए मान्य इंश्योरेंस पॉलिसी का होना और
कार इंश्योरेंस रिन्यूअल समय पर उसे रिन्यूअल करवाना बहुत उपयोगी हो सकता है.
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