भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), विशेष रूप से इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक, बहुत लोकप्रिय हो गए हैं. ये वाहन न केवल पर्यावरण के अनुकूल होते हैं बल्कि फॉसिल फ्यूल चालित वाहनों की तुलना में किफायती भी होते हैं. हालांकि, किसी भी अन्य वाहन की तरह, इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक पर भी भारत में कुछ आरटीओ नियम लागू होते हैं, जैसे रजिस्ट्रेशन और
इलेक्ट्रिक वाहन इंश्योरेंस.
भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक खरीदते समय या उपयोग करते समय आपको जो आरटीओ नियम ध्यान में रखने चाहिए उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक के लिए नियम
· लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन
किसी भी अन्य वाहन की तरह, इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक को भी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) में रजिस्टर कराना ज़रूरी होता है. अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक को रजिस्टर कराने के लिए आपको अपना आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और इंश्योरेंस प्रूफ देना होगा. अगर आपके पास फॉसिल फ्यूल चालित वाहन का लाइसेंस पहले से है, तो आप उसी लाइसेंस का उपयोग करते हुए इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक भी चला सकते हैं. इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक रजिस्टर कराने की प्रोसेस बहुत आसान है. आपको अपने लोकल आरटीओ ऑफिस जाकर ज़रूरी डॉक्यूमेंट सबमिट करने होंगे. डॉक्यूमेंट सत्यापित होने के बाद, आरटीओ आपके वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) और नंबर प्लेट जारी करेगा.
· इंश्योरेंस
थर्ड पार्टी होना अनिवार्य है
इलेक्ट्रिक बाइक इंश्योरेंस के लिए एक ज़रूरी प्रोसेस है. यह इंश्योरेंस दुर्घटना के मामले में थर्ड-पार्टी व्यक्ति या प्रॉपर्टी को होने वाले किसी भी डैमेज को कवर करता है. हालांकि, हमारी सलाह है कि आप कम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस लें जो आपके अपने वाहन को हुए डैमेज भी कवर करता है. अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक का इंश्योरेंस कराना ज़रूरी है, क्योंकि यह इंश्योरेंस, दुर्घटना के मामले में आपको फाइनेंशियल देयताओं से बचाता है. भारत में कई इंश्योरेंस कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी देती हैं, और आप अपनी ज़रूरतों व बजट के अनुसार पॉलिसी चुन सकते हैं.
· नंबर प्लेट
आपके इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक पर आरटीओ की ओर से जारी नंबर प्लेट लगी होनी चाहिए. नंबर प्लेट को वाहन के सामने वाले और पिछले भाग पर लगा होना चाहिए और उस पर मान्य रजिस्ट्रेशन नंबर होना चाहिए. नंबर प्लेट आपके इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक का एक ज़रूरी हिस्सा है, क्योंकि यह आपके वाहन और उसके मालिक की पहचान करती है. नंबर प्लेट साफ दिखनी चाहिए और उससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए.
· चार्जिंग स्टेशन
भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक के चार्जिंग स्टेशनों के लिए कोई विशिष्ट नियम नहीं हैं. हालांकि, हमारी सलाह है कि आप वाहन निर्माता द्वारा अप्रूव किए गए चार्जिंग स्टेशन का उपयोग करें. इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक को स्टैंडर्ड इलेक्ट्रिकल आउटलेट या चार्जिंग स्टेशन से चार्ज किया जा सकता है. हालांकि चार्जिंग स्टेशन के लिए कोई विशिष्ट नियम नहीं हैं, पर फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि आप ऐसा चार्जिंग स्टेशन प्रयोग करें जो आपके वाहन के अनुरूप हो और निर्माता द्वारा अप्रूव किया गया हो.
· प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (पीयूसी)
इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और उनसे हानिकारक धुआं व गैसें नहीं निकलती हैं. पर फिर भी, अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक का पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य है. यह सर्टिफिकेट एक कानूनी आवश्यकता होने के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बाइक इंश्योरेंस के लिए भी एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है. पीयूसी सर्टिफिकेट सरकार द्वारा तय पलूशन कंट्रोल स्टैंडर्ड के पालन का प्रमाण है. भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक समेत सभी वाहनों का मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है. आपको सरकार द्वारा अप्रूव्ड पीयूसी सेंटर पर अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक का टेस्ट कराना होगा और पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाना होगा.
· बैटरी सर्टिफिकेशन
इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक में इस्तेमाल बैटरी को ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) या किसी अन्य अधिकृत टेस्टिंग एजेंसी द्वारा सर्टिफाइड होना चाहिए. बैटरी सर्टिफिकेशन यह सुनिश्चित करता है कि बैटरी सरकार द्वारा तय सुरक्षा और परफॉर्मेंस के स्टैंडर्ड को पूरा करती हो. यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक के लिए सर्टिफाइड बैटरी का उपयोग करें, क्योंकि इससे ड्राइवर और वाहन, दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है. सर्टिफाइड बैटरी अधिक विश्वसनीय और कुशल भी होती है, और वह आपके वाहन की बेहतर परफॉर्मेंस और लंबी आयु सुनिश्चित करती है. साथ ही, अगर आपके पास सभी सही सर्टिफिकेशन हैं, तो आप इलेक्ट्रिक वाहन इंश्योरेंस आसानी से खरीद सकते हैं.
· वाहन में संशोधन
आरटीओ से ज़रूरी अप्रूवल लिए बिना अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक को संशोधित करना गैरकानूनी है. वाहन की मूल विशेषताओं को बदलने वाला कोई भी संशोधन कानूनी सज़ाओं और जुर्मानों का कारण बन सकता है. अगर आप अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक को संशोधित करना चाहते हैं, तो आपको आरटीओ से ज़रूरी अप्रूवल लेने होंगे. आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वह संशोधन, वाहन की सुरक्षा, परफॉर्मेंस और उससे निकलने वाले धुएं व गैस के स्टैंडर्ड को प्रभावित न करे.
· वाहन से निकलने वाले धुएं और गैस के स्टैंडर्ड
इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक से कोई भी हानिकारक धुआं या गैसें नहीं निकलती हैं. लेकिन, उन्हें वाहन के लिए सरकारी उत्सर्जन स्टैंडर्ड (मानकों) का पालन करना होता है. ये स्टैंडर्ड यह सुनिश्चित करते हैं कि वाहन पर्यावरण के अनुकूल हो और पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचाता हो. इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक को पर्यावरण के सबसे अनुकूल वाहन माना जाता है, क्योंकि उनसे हानिकारक धुआं व गैस नहीं निकलते हैं. इसके बाद भी, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपका वाहन निकलने वाले धुएं व गैसों के सरकारी स्टैंडर्ड का पालन करे. इन स्टैंडर्ड को पूरा करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब आप खरीदेंगे
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस.
संक्षेप में
इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक अपनी पर्यावरण अनुकूलता और किफायत के कारण भारत में लोकप्रिय होते जा रहे हैं. साथ ही, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने पर सब्सिडी भी मिलती है. हालांकि, सवार की और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरटीओ नियमों का पालन बहुत महत्वपूर्ण है. नियमों का पालन करके, आप बिना किसी कानूनी सज़ा या जुर्माने के इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक के मालिक होने के लाभों का आनंद ले सकते हैं. अपने वाहन को आरटीओ के साथ रजिस्टर करना न भूलें, इंश्योरेंस प्राप्त करें और
पीयूसी सर्टिफिकेटs, राइडिंग के दौरान हेलमेट पहनें, सर्टिफाइड बैटरी और चार्जिंग स्टेशन का उपयोग करें. नियमों का पालन करके, आप वातावरण को स्वच्छ और हरित बनाने में योगदान दे सकते हैं और अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक पर सुरक्षित और आसान राइड का आनंद ले सकते हैं.
* मानक नियम व शर्तें लागू
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.
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