कार की खरीदारी एडवांस में पूरा भुगतान करके या किसी लेंडिंग संस्थान से लोन लेकर की जा सकती है. अगर आप लोन का विकल्प चुनते हैं, तो फाइनेंशियल संस्थान इस खरीद को फाइनेंस करने के लिए कोलैटरल मांगता है. वह कार ही लेंडर का कोलैटरल बन जाती है और लोन का भुगतान पूरा होने तक जमानत का काम करती है. लेंडर के ज़रिए आपकी कार की ऐसी फाइनेंसिंग को रिकॉर्ड करने के लिए, कार को रजिस्टर करने वाला रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) आपकी कार के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में हाइपोथिकेशन जोड़कर इसे मान्य करता है.
कार इंश्योरेंस में हाइपोथिकेशन किस तरह काम करता है?
जब आप लोन की सुविधा का इस्तेमाल करके कार खरीदते हैं, तो आरटीओ रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में कार खरीदने के लिए मिले इस फंडिंग को दर्ज कर देता है. इस प्रकार, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में मालिक के नाम के साथ-साथ आपको लोन देने वाली संस्था से जुड़ी हाइपोथिकेशन की जानकारी दर्ज होती है. इसी तरह
कार इंश्योरेंस पॉलिसी में भी यह दर्ज होता है. क्योंकि लेंडर आपके वाहन की खरीद को फाइनेंस करने के लिए पर्याप्त राशि का भुगतान करता है, इसलिए हाइपोथिकेशन के हटने तक वाहन की रिपेयरिंग की क्षतिपूर्ति का भुगतान उसी लेंडर को किया जाता है, जो बैंक भी हो सकता है और एनबीएफसी भी हो सकता है.
क्या हाइपोथिकेशन को हटाना ज़रूरी है और क्यों ज़रूरी है?
हां, यह ज़रूरी है कि आप लेंडर के पक्ष में बनाए गए हाइपोथिकेशन को खत्म करें. हाइपोथिकेशन केवल तब हटाया जा सकता है, जब फाइनेंशियल संस्थान को देय सारी बकाया राशि चुका दी गई हो, यानि कोई बकाया राशि लंबित न हो. जब आप सारे ज़रूरी भुगतान कर देते हैं, तो फाइनेंशियल संस्थान एक नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) जारी करता है. यह एनओसी एक प्रमाण के रूप में काम करता है कि कार के मालिक की ओर से लेंडर के पास कोई भी बकाया राशि देय नहीं है और हाइपोथिकेशन हटाया जा सकता है. हाइपोथिकेशन को हटाना इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी और रजिस्टर करने वाला आरटीओ, दोनों के पास वाहन के लिए इस तरह से पैसे उधार लिए जाने का रिकॉर्ड होता है. अपनी कार बेचते समय, जो भी बकाया राशि देय हो, वह आपको चुकानी होगी और इसलिए जब तक यह हाइपोथिकेशन हटा न दिया जाए, तब तक आप ओनरशिप ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं. साथ ही, लेंडर से एनओसी मिल जाने से ही हाइपोथिकेशन नहीं हटता है. आपको ज़रूरी फॉर्म और फीस के साथ इसके बारे में आरटीओ में रिपोर्ट सबमिट करना होगा. जब टोटल लॉस का क्लेम किया जाता है
मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी में पूरे नुकसान के लिए क्लेम किया जाता है, तो पहले लेंडर को क्लेम का भुगतान किया जाएगा, क्योंकि वे देय राशि पर शुल्क लेते हैं और फिर आपको बाकी राशि का भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा, हो सकता है कि बेहतर कवरेज पाने के लिए जब अपना इंश्योरर बदलें, तो आपके मामले में अतिरिक्त जांच हो, लेकिन ऐसा तब होगा, जब आप करेंगे
कार इंश्योरेंस रिन्यूअल. इसलिए लोन राशि के शून्य होते ही हाइपोथिकेशन को हटाना एक बेहतर फैसला है.
कार इंश्योरेंस में हाइपोथिकेशन को कैसे हटाएं?
चाहे थर्ड-पार्टी प्लान हो या कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी, आपकी कार की इंश्योरेंस पॉलिसी से हाइपोथिकेशन को हटाना चार चरणों का आसान प्रोसेस है.
चरण 1:
लोन खत्म होने के बाद ही इसे कैंसल किया जा सकता है. इसके बाद ही आप लेंडर से एनओसी पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
चरण 2:
आपको लेंडर द्वारा दी गई एनओसी के साथ अन्य डॉक्यूमेंट्स, जैसे- रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, पीयूसी सर्टिफिकेट, मान्य कार इंश्योरेंस पॉलिसी और आरटीओ द्वारा निर्धारित अन्य आवश्यक फॉर्म जमा करने होंगे.
चरण 3:
प्रोसेस के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करने के बाद, हाइपोथिकेशन हटाने का काम शुरू हो जाता है और एक नया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. इस नए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर लोन देने वाले का कोई नाम नहीं होता है और इसमें वाहन के मालिक के रूप में आपका ही नाम होगा.
चरण 4:
अब इस बदले हुए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को अपने इंश्योरर के पास सबमिट करें, ताकि वो इंश्योरेंस पॉलिसी से हाइपोथिकेशन हटाने के लिए उसमें आवश्यक बदलाव कर सके. इसे रिन्यूअल के समय कराया जा सकता है या किसी एंडोर्समेंट की सहायता से कराया जा सकता है. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, कृपया खरीद पूरी करने से पहले सेल ब्रोशर/पॉलिसी शब्दावली को ध्यान से पढ़ें.
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