पिछले कुछ वर्षों में भारतीयों ने तेज़ी से दौड़ती-भागती ज़िंदगी को अपनाया है। इस लगातार दौड़-भाग के कारण टू-व्हीलर की मांग बढ़ रही है. जहां अधिकतर लोग सेकंड हैंड मोटरबाइक पसंद करते हैं, वहीं बाकी लोग मार्केट में उपलब्ध लेटेस्ट बाइक का रुख करते हैं. अच्छी स्थिति वाले सेकंड हैंड वाहनों की उपलब्धता ढेरों खरीदारों को आकर्षित करती है। साथ ही, भारतीय मार्केट में किफायती दाम में उपलब्ध सेकंड हैंड टू व्हीलर को नई बाइक के बराबर माना जाता है. पर साथ ही, टू व्हीलर के ढेरों विकल्प उपलब्ध होने के कारण कस्टमर के मन में भ्रम पैदा होता है। सेकंड हैंड बाइक मॉडल खरीदने जाने पर कस्टमर ढेरों विकल्प देखकर चकरा जाते हैं कि किसे खरीदें और किसे नहीं. हम आपके लिए यह काम आसान बनाए देते हैं। सेकंड हैंड टू व्हीलर चुनते समय इन चीज़ों को ध्यान में रखें:
- बाइक के मॉडल पर विचार करें
इसमें कोई दोराय नहीं है कि हर किसी को ज़िंदगी में कम से कम एक बार एक तड़क-भड़क वाली मोटरसाइकिल खरीदने की ख्वाहिश होती है. हालांकि, मनचाही बाइक खरीदना आपकी जेब पर भारी पड़ता है और वाहन की मार्केट वैल्यू से उसका इंश्योरेंस प्रीमियम भी प्रभावित होता है. इसलिए, बाइक के मॉडल पर विचार करें और टू व्हीलर में समझदारी से इन्वेस्ट करें. अपने बजट के भीतर रहते हुए अपने मन का टू व्हीलर खरीदें.
- वाहन की दशा
सेकंड हैंड टू व्हीलर में कुछ मशीनी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, सेकंड हैंड बाइक खरीदने से पहले ज़रूरी मशीनी जांच ज़रूर करें. इन बातों की जांच करें:
- ऑयल लीक चेक करें.
- चेक करें कि वाहन के किसी हिस्से पर ज़ंग या गलन तो नहीं है.
- डेंट या खरोंचों को स्थायी रूप से ठीक करें.
- ऑयल और इंजन चेक करें.
- अगर वाहन को कोई डैमेज हुआ हो तो उसे आंकें.
- हैंडल, ब्रेक, बैटरी, गियर आदि चेक करें.
- टू व्हीलर का रजिस्ट्रेशन
आपने आरसी बुक का नाम सुना होगा. अगर नहीं, और आप सोच रहे हैं कि
आरसी बुक क्या होती है , तो आगे पढ़ें: बाइक अपने नाम में रजिस्टर करवाने से पहले, व्यक्ति को पिछले मालिक से ओनरशिप ट्रांसफर का सर्टिफिकेट लेना होता है. ट्रांसफर सर्टिफिकेट पाने के बाद आप बाइक अपने नाम में रजिस्टर करवा सकते हैं और टू व्हीलर इंश्योरेंस की मदद से उसे सुरक्षित कर सकते हैं. जब मालिक अपना टू व्हीलर रजिस्टर करवा लेता है, तब उसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) मिलता है. इसे साथ रखना आवश्यक है
वाहन का आरसी सर्टिफिकेट क्योंकि यह एक कानूनी आवश्यकता है.
- टू व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी
दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या ने टू व्हीलर इंश्योरेंस को आज की आवश्यकता बना दिया है. दुर्घटनाओं में बाइक को डैमेज होने की संभावना अधिक होती है. किसी भी नुकसान के मामले में, पॉलिसीधारक इंश्योरेंस कंपनी से रीइम्बर्समेंट पाने के लिए क्लेम कर सकता है. बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंस अपने कस्टमर को तेज़ी और आसान सुविधा प्रदान करता है, जब भी आप खरीदते हैं
टू व्हीलर इंश्योरेंस ऑनलाइन और हमारी क्लेम प्रोसेस भी आसान और कुशल है. क्विक क्लेम सेटलमेंट आपकी मन की शांति भंग किए बिना आसान अनुभव सुनिश्चित करता है.
- डॉक्यूमेंटेशन
पेपरवर्क महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ अनिवार्य भी होता है. व्यक्ति चाहे नई बाइक खरीदे या सेकंड हैंड, उसके वाहन के साथ सभी संबंधित डॉक्यूमेंट होना ज़रूरी है. वैसे, ओरिजिनल डॉक्यूमेंट लॉकर में सुरक्षित रूप से स्टोर करके, वाहन के साथ फोटोकॉपी रखी जा सकती हैं. हर ड्राइवर के पास ये डॉक्यूमेंट होने चाहिए:
- आरसी सर्टिफिकेट
- प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) सर्टिफिकेट
- टू व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी डॉक्यूमेंट
- नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)
संक्षेप में, अधिकांश ड्राइवरों के लिए सेकंड हैंड टू व्हीलर में इन्वेस्ट करना एक बेहतरीन विकल्प है। दुर्घटनाओं, सड़क हादसों, प्राकृतिक आपदाओं आदि दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में फाइनेंशियल सुरक्षा के लिए टू व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी लें. बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंस का कॉम्प्रिहेंसिव और
थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस ऑनलाइन देखें. ये प्लान विशेष रूप से पॉलिसीधारकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं जिनमें उनकी ज़रूरतों के हिसाब से ढेरों लाभ और विशेषताएं हैं.
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