एक वाहन मालिक होने के नाते आपके पास अपने वाहन से संबंधित तीन महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट – वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, उसका पीयूसी सर्टिफिकेट और उसकी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी और एक आपसे संबंधित डॉक्यूमेंट, यानी आपका ड्राइविंग लाइसेंस होने ही चाहिए. ये चारों डॉक्यूमेंट महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आपके वाहन चला रहे होने के दौरान कभी-भी ट्रैफिक पुलिस कर्मी आपसे उन्हें दिखाने को कह सकते हैं. इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप इस आवश्यकता को अनदेखा न करें. उनमें से कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं होने पर भारी जुर्माना लग सकता है. वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और आपका ड्राइविंग लाइसेंस, उनके नाम से ही साफ है कि वे क्या हैं. वहीं
मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी यह सुनिश्चित करती है कि आपकी पॉलिसी कवरेज के आधार पर इंश्योरेंस कंपनी आपके वाहन को हुए डैमेज या थर्ड-पार्टी कानूनी देयताओं को कवर किया गया है. इसके साथ ही, क्या आप जानते हैं कि ये पीयूसी सर्टिफिकेट क्या होता है? आसान शब्दों में कहें तो, पीयूसी सर्टिफिकेट यानी पलूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जो आपके वाहन से निकलने वाले धुएं व गैसों के स्तर को प्रमाणित करता है. वाहन चाहे कार हो या बाइक, पर्सनल हो या कमर्शियल, हर वाहन का पीयूसी सर्टिफिकेट होना ज़रूरी है. फ्यूल चालित वाहनों से कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें बाहर निकलती हैं, इसलिए उनके स्तरों की निगरानी महत्वपूर्ण है. इसलिए, पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य है. सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल, 1989 के अनुसार, पीयूसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य किया गया है. क्या मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भी पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य है?
इस पर आईआरडीएआई का रुख
नियामक संस्था, Insurance Regulatory and Development Authority of India (
आईआरडीएआई) ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि अगर वाहन के पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है, तो मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी जारी न करें. यानी, आपकी मोटर इंश्योरेंस कवरेज को रिन्यू कराने के लिए मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य है. यह नियम सभी
मोटर इंश्योरेंस के प्रकार प्लान पर लागू होता है, फिर चाहे वह थर्ड-पार्टी पॉलिसी हो या कम्प्रीहेंसिव प्लान हो. पॉलिसी रिन्यूअल के समय पीयूसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य करने का नियामक संस्था का यह निर्णय, सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2017 के ऑर्डर के आधार पर आया है. #
तो क्या इसका यह मतलब है कि अगर आपके पास मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है तो आपका इंश्योरेंस क्लेम अस्वीकार किया जा सकता है?
नहीं, 26
th अगस्त, 2020 को जारी आईआरडीएआई के सर्कुलर में यह स्पष्ट किया गया है कि इंश्योरेंस कंपनी मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर
वाहन इंश्योरेंस क्लेम अस्वीकार नहीं कर सकती है. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं कि पीयूसी सर्टिफिकेट वैकल्पिक है. सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए यह सर्टिफिकेट अनिवार्य है. लेकिन, अगर आपके पास मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपका इंश्योरेंस क्लेम प्रभावित नहीं होगा.
पीयूसी सर्टिफिकेट की वैधता क्या है? क्या पेट्रोल और डीज़ल वाहनों की वैधता अलग-अलग है?
जब आप नया वाहन खरीदते हैं, तो पीयूसी सर्टिफिकेट निर्माण तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए मान्य होता है. इस अवधि के बाद, समय-समय पर इसका रिन्यूअल ज़रूरी होता है. आम तौर पर यह सर्टिफिकेट छह महीने से एक वर्ष तक की अवधि के लिए मान्य होता है. हालांकि, इसकी वैधता रीडिंग के आधार पर तय होती है. ये नियम पेट्रोल और डीज़ल, दोनों प्रकार के वाहनों पर लागू होते हैं.
पीयूसी टेस्ट की प्रक्रिया क्या है?
पीयूसी टेस्ट की प्रक्रिया डीज़ल वाहनों और पेट्रोल वाहनों के लिए थोड़ी अलग होती है. डीज़ल वाहनों के मामले में, एक्सीलरेटर पूरा दबाकर रीडिंग नोट की जाती है. यह प्रक्रिया पांच बार दोहराई जाती है और इन पांच रीडिंग का औसत, फाइनल रीडिंग होता है. वहीं दूसरी ओर, पेट्रोल वाहनों के मामले में, वाहन के इंजन को बिना किसी एक्सीलरेशन के चालू छोड़ा जाता है. एक सिंगल रीडिंग ली जाती है और वही फाइनल रीडिंग होती है.
अपने वाहन का पीयूसी सर्टिफिकेट कैसे बनवाएं?
आपके वाहन का मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट हो यह सुनिश्चित करने के लिए, आपको किसी सरकार-द्वारा-अधिकृत टेस्टिंग सेंटर पर जाना होगा. अधिकतर मामलों में ये टेस्टिंग सेंटर किसी फ्यूल स्टेशन में स्थित होते हैं. आपके वाहन से निकलने वाले धुएं व गैसों की रीडिंग चेक करने के बाद, टेस्टिंग सेंटर तुरंत पीयूसी सर्टिफिकेट जारी कर देता है.
क्या इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी पीयूसी सर्टिफिकेट ज़रूरी होता है?
इलेक्ट्रिक वाहनों के चलते समय उनसे कोई धुआं या गैस नहीं निकलती है, इसलिए उन्हें पीयूसी सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं होती है. अब जबकि आप जानते हैं कि आपको अपनी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्यूअल के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की ज़रूरत है, आपको पॉलिसी रिन्यूअल के समय इन कुछ और चीज़ों को भी ध्यान में रखना चाहिए.
- पॉलिसी का प्रकार
- आपके वाहन की इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू
- आपकी पॉलिसी के वैकल्पिक ऐड-ऑन
- आपके इंश्योरेंस प्लान की डिडक्टिबल
- इकट्ठा हुआ नो-क्लेम बोनस (अगर हो)
- क्लेम की प्रक्रिया
वैसे तो थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर न्यूनतम कानूनी आवश्यकता है, लेकिन
कम्प्रीहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने से व्यापक इंश्योरेंस कवरेज मिलती है. इस पॉलिसी से सुनिश्चित होता है कि आपके वाहन को थर्ड-पार्टी कानूनी देयताओं के साथ-साथ उसके खुद के डैमेज के लिए भी इंश्योर्ड किया जाए. * एक और बात, अपने लिए बेस्ट पॉलिसी चुनते समय, उपलब्ध विकल्पों की तुलना करना न भूलें. इस प्रोसेस में, वाहन इंश्योरेंस कैलकुलेटर काम आ सकता है. इस उपयोगी टूल से, न केवल विभिन्न प्लान की कीमतों के आधार पर, बल्कि उनकी उन विशेषताओं के आधार पर भी उनकी तुलना आसानी से की जा सकती है जो आपके लिए उपयोगी हैं. अंत में, यह सुनिश्चित करें कि वाहन चलाते समय आपके पास ऊपर बताए गए चारों डॉक्यूमेंट हों. इससे सुनिश्चित होगा कि जुर्माने चुकाने की नौबत न आए, नहीं तो, वे जुर्माने कुल मिलाकर आपको बड़ा आर्थिक नुकसान दे जाएंगे. कुछ जुर्मानों के साथ तो जेल भी हो सकती है.
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.
* मानक नियम व शर्तें लागू
# अधिक जानकारी के लिए आईआरडीएआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं.
कृपया अपना जवाब दें