भारत में लोगों की बड़ी आबादी के साथ-साथ कारों की भी एक बड़ी आबादी है जिसे मैनेज करना मुश्किल है. हमेशा बढ़ते जाने वाले ट्रैफिक में वाहनों की संख्या बढ़ने से और इज़ाफा हो रहा है जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ रही है. दुर्घटनाएं कार मालिक, उनके परिवार और दुर्घटना में शामिल किसी भी थर्ड-पार्टी को तबाह कर सकती हैं. दुर्घटना में शामिल व्यक्ति तनाव और फाइनेंशियल नुकसान से घिर जाते हैं. पर अच्छी खबर यह है कि भारत सरकार ने थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस का होना अनिवार्य बना दिया है.
मोटर वाहन अधिनियम को समझें
भारत में मोटर वाहन अधिनियम यह अनिवार्य करता है कि सार्वजनिक स्थानों पर चलने वाले सभी वाहनों में मान्य मोटर वाहन इंश्योरेंस होना चाहिए. बेसिक इंश्योरेंस प्लान चुनते समय भी, वाहन मालिकों के पास थर्ड-पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस पॉलिसी होनी चाहिए. यह थर्ड-पार्टी कवर वाहन मालिक या किसी अन्य ड्राइवर के कारण होने वाली दुर्घटना के मामले में आवश्यक है, जो थर्ड पार्टी को होने वाले नुकसान या चोटों से फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करता है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस प्रकार का इंश्योरेंस इंश्योर्ड वाहन या मालिक को हुए नुकसान को कवर नहीं करता है.
मोटर वाहन अधिनियम के प्रमुख प्रावधान
इस
मोटर वाहन अधिनियम, 1988, भारतीय संसद द्वारा संशोधित, 1 जुलाई 1989 को प्रभावी हुआ . यह परिवहन के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करता है, जिनमें शामिल हैं:
- ड्राइवर और कंडक्टरों का लाइसेंस
- वाहन रजिस्ट्रेशन
- वाहन संचालन के लिए परमिट जारी करना
- ट्रैफिक नियम और विनियम
- देयता, अपराध और दंड
- इंश्योरेंस की आवश्यकताएं
यह अधिनियम इस बात पर जोर देता है कि वाहन मालिकों को ड्राइविंग करते समय हमेशा अपने मोटर वाहन इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट साथ रखना चाहिए.
कार इंश्योरेंस अनिवार्य क्यों है?
भारत में कार दुर्घटनाओं की संख्या काफी अधिक है. ऐसी दुर्घटनाओं की लागत आम तौर पर इतनी अधिक होती है कि उसे वहन करना एक अकेले व्यक्ति के बूते की बात नहीं होती है. ऐसे में, फोर-व्हीलर थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस का होना उपयोगी सिद्ध होता है. मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के सेक्शन 146 के अनुसार, भारत में थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना अनिवार्य है. जिन व्यक्तियों के पास कार इंश्योरेंस है और उनके साथ दुर्घटना होती है तो वे सीधे अपनी कार इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर सकते हैं. इंश्योरेंस कंपनी क्लेम सेटलमेंट देकर दुर्घटना की लागत वहन करने में मदद दे सकती है. थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस आम तौर पर वाहन के डैमेज, शारीरिक चोटों, प्रॉपर्टी के डैमेज और दुर्घटनावश मृत्यु को कवर करता है. हालांकि, अगर किसी नशीली चीज़ के प्रभाव में होने के कारण दुर्घटना होती है तो इंश्योरेंस कंपनी तुरंत क्लेम अस्वीकार कर सकती है. अगर आपने हाल ही में कार खरीदी है तो आप
ऑनलाइन कार इंश्योरेंस कैलकुलेटर का उपयोग करके प्रीमियम का अनुमान लगा सकते हैं. थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस अनिवार्य है, लेकिन अधिकांश व्यक्ति संपूर्ण सुरक्षा पाने के लिए कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस खरीदना पसंद करते हैं. कम्प्रीहेंसिव कवर आमतौर पर थर्ड-पार्टी देयता, मरम्मत, मेंटेनेंस और दुर्घटनाओं, आग, चोरी या प्राकृतिक आपदा से होने वाले डैमेज को कवर करता है. यह कई विपत्तियों के लिए संपूर्ण कवरेज देकर कार को सुरक्षा देता है. आप विभिन्न
ऑनलाइन कार इंश्योरेंस प्लान चेक कर सकते हैं और अपनी ज़रूरतों के अनुसार प्लान चुन सकते हैं. *
भारत में कार इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार
समझें
कार इंश्योरेंस के प्रकार उपलब्ध होने से आपको अपनी ज़रूरतों के लिए सर्वश्रेष्ठ कवरेज चुनने में मदद मिल सकती है.
1. थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस पॉलिसी
- सबसे किफायती और बुनियादी प्रकार का कार इंश्योरेंस.
- किसी अन्य वाहन, व्यक्ति या प्रॉपर्टी को होने वाले नुकसान सहित थर्ड-पार्टी लायबिलिटी के लिए कवरेज प्रदान करता है.
- इंश्योर्ड वाहन के कारण थर्ड पार्टी की चोट या मृत्यु को कवर करता है.
- सीमित मार्केट वैल्यू वाले पुराने वाहनों के लिए उपयुक्त.
2. व्यापक कार इंश्योरेंस पॉलिसी
- इंश्योर्ड वाहन के लिए व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है.
- प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के कारण होने वाली चोरी, टक्कर, आग और नुकसान को कवर करता है.
- थर्ड-पार्टी लायबिलिटी के साथ-साथ इंश्योर्ड वाहन को होने वाले नुकसान के लिए कवरेज भी शामिल है.
- कवरेज को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक ऐड-ऑन उपलब्ध हैं.
3. ऐड-ऑन इंश्योरेंस कवर
- बेसिक और कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी के अलावा अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है.
- लोकप्रिय ऐड-ऑन में ये शामिल हैं:
- ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर: वाहन के पार्ट्स के डेप्रिसिएशन के बिना पूरा क्लेम सुनिश्चित करता है.
- रोडसाइड असिस्टेंस: ब्रेकडाउन के मामले में सहायता प्रदान करता है.
- इंजन प्रोटेक्शन कवर: इंजन की मरम्मत या रिप्लेसमेंट की लागत को कवर करता है.
- NCB (नो क्लेम बोनस) सुरक्षा: क्लेम के बावजूद प्रीमियम पर डिस्काउंट मिलता है.
- जियोग्राफिकल एक्सटेंशन कवर: अन्य क्षेत्रों के लिए कवरेज प्रदान करता है.
- कंज्यूमेबल्स प्रोटेक्शन कवर: नट, बोल्ट और इंजन ऑयल जैसे कंज्यूमेबल आइटम की लागत को कवर करता है.
मोटर वाहन अधिनियम और उपलब्ध इंश्योरेंस विकल्पों को समझकर, आप कानून का अनुपालन सुनिश्चित कर सकते हैं और फाइनेंशियल देयताओं से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं.
कार इंश्योरेंस खरीदने के क्या लाभ हैं?
जैसा ऊपर बताया गया है, कार मालिक भारत में दो प्रकार के कार इंश्योरेंस में से चुन सकते हैं: थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस या कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस. हालांकि
फोर-व्हीलर थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस होना कानूनन अनिवार्य है, पर इससे पर्याप्त कवरेज नहीं मिलती है. इसलिए, कई व्यक्ति संपूर्ण सुरक्षा पाने के लिए इसकी बजाए कम्प्रीहेंसिव कवरेज चुनते हैं. कार इंश्योरेंस के प्रमुख लाभ जानने के लिए आगे पढ़ें:
कार इंश्योरेंस खरीदने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह इंश्योरेंस इंश्योर्ड वाहन को होने वाले डैमेज या नुकसान की कवरेज देता है. कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी दुर्घटनाओं के साथ-साथ चोरी, आग और प्राकृतिक आपदाओं की कवरेज भी देती है. यानी अगर कार चोरी हो जाए, तो मालिक इंश्योरेंस कंपनी से भरपाई का क्लेम कर सकता है. इसी प्रकार, अगर कार को आग या प्राकृतिक आपदा में डैमेज होता है, तो मालिक इंश्योरेंस कंपनी से भरपाई का क्लेम कर सकता है. *
कार इंश्योरेंस खरीदने का एक और लाभ यह है कि
नो-क्लेम बोनस (NCB). एनसीबी प्रीमियम पर मिलने वाला डिस्काउंट है जो इंश्योरेंस कंपनियां तब देती हैं जब कार मालिक ने पॉलिसी अवधि में एक भी क्लेम न किया हो. प्रत्येक क्लेम-फ्री वर्ष के साथ डिस्काउंट बढ़ता है, जो पांच वर्षों के बाद अधिकतम 50% तक होता है. यह कार मालिकों को सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे भारतीय सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या कम हो जाती है. एनसीबी पाने के लिए
कार इंश्योरेंस रिन्यूअल समय पर रिन्यू करवाना ज़रूरी होता है. *
कार इंश्योरेंस के होने से कार मालिकों को मन की शांति मिलती है, क्योंकि उन्हें पता होता है कि किसी भी अप्रत्याशित घटना के मामले में वे फाइनेंशियल रूप से सुरक्षित हैं. कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी इंश्योर्ड वाहन को हुए डैमेज, ड्राइवर या यात्रियों की चोट या मृत्यु और थर्ड-पार्टी देयता सहित विभिन्न प्रकार के जोखिमों की कवरेज देती है. इससे सुनिश्चित होता है कि कार मालिक ऐसे जोखिमों से उत्पन्न होने वाले फाइनेंशियल नुकसान से सुरक्षित हैं. *
भारत में कार इंश्योरेंस कैसे खरीदें?
आप भारत में कार इंश्योरेंस
विभिन्न उपलब्ध माध्यमों से ऑनलाइन व ऑफलाइन खरीद सकते हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि ऑनलाइन खरीदें या ऑफलाइन, तो आगे पढ़ें:
कार इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदना तेज़ और आसान होता है. आप सीधे इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट से पॉलिसी खरीद सकते हैं. अधिकांश वेबसाइट पर आपको विभिन्न पॉलिसी की तुलना करने, कोटेशन देखने, और ऑनलाइन इंश्योरेंस खरीदने की सुविधा मिलती है. आप अपनी कवरेज आवश्यकताओं को आंकने के लिए ऑनलाइन कार इंश्योरेंस कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं. आप आपकी ज़रूरतों को पूरा करने वाला प्लान चुनकर उसे आसानी से खरीद सकते हैं. *
जिन कार मालिकों को इंश्योरेंस ऑफलाइन खरीदना पसंद है, वे इंश्योरेंस कंपनी के नज़दीकी ब्रांच ऑफिस जाकर खरीद सकते हैं. वे कंपनी के प्रतिनिधि से मिलकर अपनी ज़रूरतों पर बात करके बेस्ट पॉलिसी चुन सकते हैं. कंपनी के प्रतिनिधि डॉक्यूमेंट और भुगतान प्रोसेस की जानकारी देकर उसमें मदद करेंगे. कई व्यक्ति इंश्योरेंस एजेंट के ज़रिए कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना पसंद करते हैं. * भारत में कई कारणों से कार इंश्योरेंस अनिवार्य है. इनमें जनता के हितों को सुरक्षित रखना, ड्राइविंग की सुरक्षित आदतों को बढ़ावा देना और कार मालिकों को फाइनेंशियल सुरक्षा देना कुछ मुख्य कारण हैं. मान्य कार इंश्योरेंस पॉलिसी का होना कानून के पालन के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि किसी भी अप्रत्याशित घटना के मामले में आप फाइनेंशियल रूप से सुरक्षित हों. *मानक नियम व शर्तें लागू
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.
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