कार या बाइक की चमक बहुत कुछ कहती है. हम इंसान हमेशा ही चमकदार चीज़ों की ओर आकर्षित होते हैं. यह बात वाहनों पर भी लागू है. वाहन की चमक उन चीज़ों में से एक है जिनके आधार पर लोग उसे खरीदने का फैसला करते हैं. हालांकि, वाहन की चमक कोटिंग में इस्तेमाल हुए मटीरियल पर निर्भर करती है. वाहनों पर दो प्रकार की कोटिंग की जाती है: टेफ्लॉन और सिरेमिक. इन दो प्रकारों में क्या अंतर है? आपके वाहन के लिए किस प्रकार की कोटिंग बेस्ट है? आइए इसके बारे में और जानें.
टेफ्लॉन कोटिंग क्या है?
टेफ्लॉन कोटिंग को पॉली-टेट्रा-फ्लोरो-एथिलीन (पीटीएफई) भी कहते हैं. यह एक सिंथेटिक फ्लोरोपॉलिमर है. कारों और बाइकों पर इस्तेमाल होने वाली टेफ्लॉन कोटिंग वही है जो नॉन-स्टिक कुकवेयर पर इस्तेमाल होती है. आपकी कार पर हुई टेफ्लॉन कोटिंग उसे लंबे समय तक चमकदार और जगमगाता लुक देती है, वह भी तुरंत एक और कोटिंग कराने की ज़रूरत के बिना.
टेफ्लॉन कोटिंग कैसे लगाते हैं?
कार पर टेफ्लॉन कोटिंग लगाने के चरण इस प्रकार हैं:
- कोटिंग लगाने से पहले आपकी कार को अच्छे से धोकर उसकी सतह पर जमा धूल-गंदगी हटा दी जाती है.
- धुलाई के बाद कार को पूरी तरह पोंछकर सुखाया जाता है.
- अब केमिकल तैयार किया जाता है और कोटिंग को लुब्रिकेंट की तरह लगा दिया जाता है.
- कोट को पूरी तरह से सूखने में लगभग आधा घंटा लगता है.
- कोटिंग लगाने के बाद बफिंग मशीन से सतह को पॉलिश करके जो भी खरोंचें या अतिरिक्त परतें हों उन्हें हटा दिया जाता है.
टेफ्लॉन कोटिंग के फायदे और नुकसान
अपने वाहन पर टेफ्लॉन कोटिंग लगवाने से आपको ये फायदे मिलते हैं:
- टेफ्लॉन कोटिंग बाहरी चीज़ों से बेअसर रहती है और उससे कार की चमक-दमक लंबे समय तक बनी रहती है.
- सतह पर लगी किसी भी खरोंच को टेफ्लॉन कोटिंग की मदद से आसानी से हटाया जा सकता है.
- टेफ्लॉन कोटिंग अधिक टिकाऊ होती है, इसलिए जल्दी-जल्दी दोबारा कोटिंग की ज़रूरत नहीं पड़ती है.
अपने वाहन पर टेफ्लॉन कोटिंग लगवाने के नुकसान इस प्रकार हैं:
- आपकी कार को डैमेज होने पर कोटिंग पर भी असर पड़ता है. हालांकि आप अपनी कार इंश्योरेंस कार इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम फाइल कर सकते हैं, पर डैमेज की मरम्मत करवाने के बाद आपको कोटिंग दोबारा लगवानी पड़ सकती है. *
- यह कोटिंग टिकाऊ होती है, लेकिन इसे साल में हर 4-5 महीने के बाद दोबारा लगवाने की ज़रूरत पड़ती है.
- टेफ्लॉन कोटिंग लगवाना काफी महंगा हो सकता है.
- असली मटीरियल की बजाए मिलावटी या सस्ती नकली टेफ्लॉन कोटिंग मिलने का भी जोखिम होता है.
सिरेमिक कोटिंग क्या है?
सिरेमिक कोटिंग को टेफ्लॉन कोटिंग से बेहतर माना जाता है. सिरेमिक कोटिंग में इस्तेमाल होने वाले मटीरियल, और इसके फायदों के कारण यह कोटिंग, टेफ्लॉन कोटिंग पर एक अपग्रेड है.
सिरेमिक, टेफ्लॉन से बेहतर कैसे है?
सिरेमिक कोटिंग में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी, मटीरियल को केवल ऊपर-ऊपर नहीं लगाती बल्कि गहराई तक पहुंचाती है. इससे एक कठोर परत बन जाती है जो धूल टिकने नहीं देती. इसमें इस्तेमाल होने वाला मटीरियल दरअसल एक पॉलिमर है जो अधिक टिकाऊ होता है.
सिरेमिक कोटिंग कैसे लगाई जाती है?
आपकी बाइक पर सिरेमिक कोटिंग लगाने के चरण इस प्रकार हैं:
- बाइक को अच्छे से साफ करके उसकी सतह पर जमा धूल-गंदगी हटाई जाती है.
- उसे एक बार फिर साबुन या किसी अन्य क्लीनिंग प्रॉडक्ट से धोया जाता है.
- बाइक साफ हो जाने पर उस पर सलूशन की एक परत लगाई जाती है.
- सलूशन को धोया जाता है और फिर बफिंग करके बचा-खुचा सलूशन हटा दिया जाता है.
- पॉलिश की एक परत लगाई जाती है. आमतौर पर, यह नॉन-वैक्स मटीरियल होती है.
- पॉलिशिंग मशीन की मदद से परत को एकसार फैलाया जाता है.
सिरेमिक कोटिंग के फायदे और नुकसान
सिरेमिक कोटिंग लगवाने के ये फायदे हैं:
- बाइक की सतह थोड़ी कम दूषित होती है.
- आपकी बाइक के ओरिजिनल पेंट पर कोई असर नहीं होता है.
- यह मटीरियल गहराई तक जाता है, इसलिए इसकी परत अधिक टिकाऊ होती है.
- सिरेमिक कोटिंग लगवाने से बाइक साफ करना आसान हो जाता है.
सिरेमिक कोटिंग लगवाने के नुकसान इस प्रकार हैं:
- सिरेमिक कोटिंग, टेफ्लॉन से महंगी होती है.
- बाइक पर सिरेमिक कोटिंग लगाने में टेफ्लॉन से अधिक समय लगता है.
- अगर यह काम किसी एक्सपर्ट से न कराया जाए तो बाइक को डैमेज हो सकता है. आपकी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी की शर्तों के आधार पर, हो सकता है कि ऐसे डैमेज के लिए भरपाई मिल जाए. हालांकि, बेस्ट यही है कि यह कोटिंग किसी ट्रेंड प्रोफेशनल से लगवाई जाए. *
टेफ्लॉन और सिरेमिक कोटिंग में अंतर
इन दो प्रकार की कोटिंग के बीच ये अंतर हैं:
|
टेफ्लॉन कोटिंग |
सेरामिक कोटिंग |
पेंट सुरक्षा का प्रकार |
सिंथेटिक वैक्स |
पारदर्शी कोट |
जन्म स्थान |
यूनाइटेड किंगडम |
यूनाइटिड स्टेट ऑफ अमेरिका |
मुख्य घटक |
पॉलिटेट्राफ्लोरोएथिलीन (पीटीएफई) |
सिलिकॉन कार्बाइड (एसआईसी) |
कोट की मोटाई |
0.02 माइक्रॉन्स |
2 माइक्रॉन्स |
ड्यूरेबिलिटी |
कुछ महीने |
कुछ वर्ष |
सुरक्षा का प्रकार |
ज़ंग और खरोंच |
ज़ंग, खरोंच, अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणें और ऑक्सीडेशन. |
खर्च |
एक बार के लिए तुलनात्मक रूप से कम. |
एक बार के लिए तुलनात्मक रूप से अधिक. |
इन बातों के आधार पर, अगर आप किफायती विकल्प चाहते हैं, तो आप टेफ्लॉन कोटिंग चुन सकते हैं. अगर आप अतिरिक्त खर्च के लिए तैयार हैं, तो आप सिरेमिक कोटिंग चुन सकते हैं. इसके साथ ही वाहनों के लिए संपूर्ण सुरक्षा पाना न भूलें और इसके लिए खरीदें
मोटर इंश्योरेंस. *
संक्षेप में
इन प्रकार की कोटिंग से आपके वाहन को आपकी मनचाही चमक देने में मदद मिलती है. हालांकि, अपनी पसंद की कोटिंग चुनने से पहले किसी कार/बाइक प्रोफेशनल से इस पर बात करना बेहतर रहेगा. हालांकि कोटिंग आपके वाहन की सतह को सुरक्षित करेगी, लेकिन
कम्प्रीहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी आपके वाहन को नुकसान और अन्य दुर्घटनाओं से पूरी सुरक्षा प्रदान करता है.
* मानक नियम व शर्तें
बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.
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