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Motor Insurance Act: Key Features
31 मार्च, 2021

मोटर इंश्योरेंस के प्रकार

जब क्या खरीदें और किससे खरीदें के ढेरों जवाब मौजूद हों तो ऐसे में निर्णय लेने का काम बोझीला हो जाता है. लेकिन जब आपको पता न हो कि मार्केट में क्या-क्या उपलब्ध है, तो चीज़ें और भी मुश्किल हो जाती हैं. यह बात सभी चीज़ों पर लागू है. तो अगर आप आज कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने निकलें, तो क्या आप जानते हैं कि मार्केट में किस-किस प्रकार की वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी मिल रही हैं? हो सकता है कि आपको एक-दो प्रकारों के बारे में पता हो, पर मार्केट में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसी में से सबसे उपयुक्त पॉलिसी चुनने के लिए आपको सभी प्रकारों पर नज़र डालनी चाहिए.

मिलने वाली कवरेज के नज़रिये से

आसान शब्दों में कहें तो, किसी कार इंश्योरेंस पॉलिसी विशेष के तहत जिन-जिन डैमेज को क्लेम किया जा सकता है उन्हें उस पॉलिसी की कवरेज कहते हैं. मिलने वाली कवरेज के आधार पर, पांच प्रकार की मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध हैं.

थर्ड-पार्टी लायबिलिटी

यह सबसे बुनियादी प्रकार की मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी है. इस पॉलिसी का प्रीमियम अन्य सभी प्रकारों के प्रीमियम से कम होता है और यह सबसे किफायती भी है. इसके अलावा, कम से कम एक लेना भी अनिवार्य है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भारत में कानून द्वारा. इसलिए यह पॉलिसी, सभी प्रकार के मोटर इंश्योरेंस में सबसे लोकप्रिय भी है. यह दुर्घटना होने पर मालिक द्वारा थर्ड पार्टी को किए जाने वाले भुगतान की देयता के विरुद्ध सुरक्षा देती है.

पर्सनल इंजरी पॉलिसी

इस पॉलिसी के तहत, इंश्योरेंस कंपनी आपको दुर्घटना से संबंधित सभी मेडिकल खर्चों का भुगतान करेगी, चाहे वह दुर्घटना मालिक की गलती से हुई हो या थर्ड पार्टी की गलती से.

कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी

इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा प्रदान किए जाने वाले अलग-अलग कार इंश्योरेंस के प्रकार & मार्केट में टू व्हीलर इंश्योरेंस प्लान, सबसे लोकप्रिय और चुनी गई पॉलिसी है कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी यह न केवल थर्ड-पार्टी देयताओं को कवर करती है, बल्कि मालिक द्वारा अपने खुद के मेडिकल खर्चों और वाहन को हुए नुकसान के भुगतानों को भी कवर करती है. साथ ही, यह बाढ़ जैसी कुछ प्राकृतिक आपदाओं और जंगल की आग व इस जैसी अन्य घटनाओं को भी कवर करती है.

अनइंश्योर्ड मोटरिस्ट प्रोटेक्शन

हालांकि मान्य थर्ड-पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस का होना अनिवार्य है, लेकिन कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि जिस वाहन से या के साथ दुर्घटना हुई है उसके पास मान्य इंश्योरेंस न हो. ऐसे मामले में, देयता खुद मालिक पर आ जाती है. यह पॉलिसी ऐसे समय में बहुत उपयोगी साबित होती है. यह ऐसी स्थितियों में आपके खुद के नुकसान और मेडिकल खर्चों का भुगतान करती है.

कोलीज़न पॉलिसी

कभी-कभी जब दुर्घटना के बाद कार को उपयोग लायक स्थिति में वापस लाने के लिए उसकी मरम्मत की लागत कार की वर्तमान मार्केट वैल्यू से अधिक होती है, तो इंश्योरेंस कंपनी आपको इस पॉलिसी के तहत कार की वर्तमान मार्केट वैल्यू की कुल राशि का भुगतान करती है.

वाहन के प्रकार के नज़रिये से

कमर्शियल वाहन

बिज़नेस और अन्य कमर्शियल उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों में टूट-फूट होने, उनसे या उनके साथ दुर्घटना होने और विभिन्न दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से उन्हें डैमेज होने की संभावनाएं अधिक होती हैं. इसलिए, ऐसे वाहनों के लिए एक अलग कमर्शियल वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी ज़रूरी होती है.

प्राइवेट/ पर्सनल वाहन

व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों की उनके मालिक के लिए भावनात्मक वैल्यू होती है. साथ ही, कमर्शियल वाहनों की तुलना में पर्सनल वाहनों का इस्तेमाल बहुत कम होता है. इसलिए उन्हें अलग कवर की ज़रूरत होती है. अगर कोई वाहन प्राइवेट उद्देश्यों हेतु इस्तेमाल के लिए रजिस्टर्ड है और यह पाया जाता है कि दुर्घटना के दौरान वह कमर्शियल उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल हो रहा था, तो क्लेम अस्वीकृत हो जाएगा.

इंश्योरेंस पॉलिसी की अवधि के नज़रिये से

वार्षिक पॉलिसी

आम तौर पर, सभी प्रकार के वाहन इंश्योरेंस डिफॉल्ट रूप से केवल वार्षिक पॉलिसी होते हैं, यानी वे पॉलिसी शुरू होने की तिथि से एक वर्ष के लिए मान्य होते हैं. उन्हें हर वर्ष रिन्यू करवाना होता है. ऐसी पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान एकमुश्त या किस्तों में किया जा सकता है.

लॉन्ग-टर्म पॉलिसी

इन पॉलिसी की अवधि दो से तीन वर्ष होती है। व्यावहारिक रूप से, ये पॉलिसी कम देखने को मिलती हैं. अगर प्रीमियम एकमुश्त चुकाया गया है, तो उसे कवरेज के सभी वर्षों में बांट दिया जाता है.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कौन-कौन से ऐड-ऑन उपलब्ध हैं? क्या उन्हें इनमें से किसी पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है?

ऐड-ऑन किसी भी पॉलिसी के लिए उपलब्ध अतिरिक्त कवर होते हैं. इनक्लूज़न और एक्सक्लूज़न पॉलिसी में ही लिखे होते हैं. आपको चेक करना होगा और यह निर्णय लेना होगा कि आपको कौन से ऐड-ऑन चुनने चाहिए.

क्या हम चुनी गई पॉलिसी का प्रकार बदल सकते हैं? अगर हां, तो हम कब ऐसा कर सकते हैं, और कैसे?

हां, आप अपने इंश्योरेंस में चुनी गई पॉलिसी का प्रकार बदल सकते हैं. आप इसे रिन्यूअल के समय कर सकते हैं, या फिर पुरानी पॉलिसी समाप्त करके नई पॉलिसी खरीद सकते हैं.

क्या आप चल रही पॉलिसी में ऐड-ऑन चुन सकते हैं?

हां, आप रिन्यूअल के समय अपनी पॉलिसी में ऐड-ऑन जोड़ सकते हैं. हालांकि, वर्ष के मध्य में इसे करना संभव नहीं है.   * मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.

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