विश्व धरोहर दिवस हर वर्ष इसलिए मनाते हैं ताकि लोगों को विश्व स्मारकों और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण का महत्व सिखाया जा सके. हर देश में ऐसे कुछ स्मारक होते हैं जिन्होंने उस देश का इतिहास रचा है और वहां की संस्कृति को गढ़ने में योगदान किया है. इस अवसर पर हम दुनिया के ऐसे पांच धरोहर स्थलों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आपको ज़िंदगी में कम से कम एक बार ज़रूर देखना चाहिए.
ग्रैंड प्लेस, ब्रसेल्स, बेल्जियम
डच भाषा में "ग्रोटे मार्क्ट" (बड़ा बाज़ार) और फ्रांसीसी भाषा में "ग्रैंड प्लेस" कहा जाने वाला ग्रैंड प्लेस, बरोक स्टाइल का एक आर्किटेक्चरल अजूबा है. यह ब्रसेल्स का मुख्य चौक है जो टाउन हॉल और राजभवन से घिरा है. यह चौक एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और शहर का एक प्रसिद्ध स्थान है. एक बार ग्रैंड प्लेस को फ्रांसीसी लोगों के प्रकोप का सामना करना पड़ा और उसे नष्ट कर दिया गया, लेकिन बाद में उसे फिर से बनाकर उसकी खोई गरिमा लौटा दी गई. इस चौक ने काफी-कुछ देखा है, क्योंकि यह इतिहास के विभिन्न पन्नों को अपने सामने बनता देख रहा था. 1971 से, हर दो वर्ष में एक बार अगस्त के महीने में यहां फूलों का एक विशाल कालीन बनाया जाता है जिसे देखने के लिए लोग खिंचे चले आते हैं.
ओलिंपिया, ग्रीस
ओलिंपिया प्राचीन ओलंपिक खेलों का स्थल है. यहीं पर दुनिया का वह सबसे बड़ा खेल आयोजन जन्मा है जो आज भी जारी है. यह सभ्यता के अवशेषों के ज़रिए उसकी बीती भव्यता की कहानी सुनाता है. प्राचीन ओलिंपिक स्टेडियम जाने से पहले म्यूज़ियम जाने से आपको इस इलाके की बेहतर समझ मिलेगी. यहां आधुनिक खेलों के लिए आज भी प्रतीकात्मक और शुद्ध ओलिंपिक ज्वाला जलती रहती है. अगर आप ओलिंपिक खेलों को सक्रिय रूप से फॉलो करते हैं या आपको ग्रीक मिथक सच में पसंद हैं तो यहां आना बनता है क्योंकि यहां ज़ीअस और हेरा के मंदिरों के अवशेष भी हैं.
कोलोसियम, रोम
कोलोसियम रोमनों द्वारा बनाए गए सबसे बड़े एम्फिथिएटरों में से एक है. यहां एक साथ 55,000 लोग बैठ सकते थे और इसे मुख्य रूप से रोमन राजाओं की भव्यता और शक्ति के प्रदर्शन के लिए बनाया गया था. कोलोसियम ने बहुत सारा खून-खराबा देखा है क्योंकि यहां कैदियों और युद्धबंदियों को ग्लैडिएटर के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. ये लड़ाइयां केवल इंसानों तक सीमित नहीं थीं, बल्कि लोगों के मनोरंजन के लिए तेंदुओं, भालुओं, बाघों और मगरमच्छों आदि जंगली जानवरों को भी ग्लैडिएटरों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता था. कहा जाता है कि रोमनों द्वारा विदेशी भूमियों पर विजय प्राप्त करने के लिए लड़े गए युद्धों का, असली युद्ध जैसे खून-खराबे के साथ, मंचन करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता था. लंबे समय तक कोलोसियम में भयानक रक्तपात के दृश्य आम बने रहे, पर फिर यहां ईसाईयत का कब्ज़ा हुआ जिसके बाद इन घिनौनी प्रथाओं पर रोक लगी.
होर्युजी, जापान
होर्युजी जापान के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और दुनिया की एक सबसे पुरानी लकड़ी की संरचना भी है. इसे प्रिंस शोटोकू ने बनाया था जिन्हें इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. इस जगह को देखना बनता है क्योंकि यहां जापान का सबसे पुराना, पांच-मंज़िली पगोडा है. यह सदियों से बड़े-बड़े भूकंप और आग झेलने के बावजूद खड़े रहने के लिए भी प्रसिद्ध है. इस स्थान की सुंदरता केवल बाहर तक सीमित नहीं है; मंदिर का भीतरी भाग भी फ्रेस्को कला और विभिन्न प्रतिमाओं से सजा हुआ है - यह अपने-आप में एक म्यूज़ियम है.
कोलोन कैथेड्रल, कोलोन, जर्मनी
कोलोन कैथेड्रल का निर्माण 1248 में शुरू होकर 1880 तक चला, और यह अवधि इस बात का झरोखा है कि इस प्राचीन जर्मन अजूबे के निर्माण में बारीकियों के किस प्रकार एक अभिन्न भूमिका निभाई है. यह एक ईसाई तीर्थस्थल है और उत्तरी यूरोप के सबसे बड़े चर्चों में भी शामिल है. इस कैथेड्रल के प्रसिद्ध आर्किटेक्चर के साथ-साथ, लोग यहां "तीन राजाओं का मंदिर" देखने भी आते हैं, जो कांसे और रत्नजड़ित चांदी से बनी एक समाधि है जिसमें धन्य वर्जिन मैरी और शिशु जीसस की लकड़ी की मूर्ति है. कैथेड्रल के हर कोने की अपनी कहानी है; रंगीन कांचों से लेकर ऊंची वेदी तक, यहां की हर चीज़ देखने लायक है. यहां सेंट पीटर्स बेल भी है जो 24,000 किलोग्राम वज़नी है. अगर आप मध्यकालीन इतिहास और कला के प्रेमी हैं, तो यहां जाना बनता है.
विभिन्न देशों की यात्रा करना और विभिन्न संस्कृतियों को देखना हमारे ज्ञान को विस्तार देता है और हमें बहुत कुछ सिखाता है. ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर जाना और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अतीत का एक झरोखा है जो हमें संस्कृति के विकास के बारे में बताता है. इतना ही महत्वपूर्ण है यात्रा करते समय खुद को ट्रैवल इंश्योरेंस से इंश्योर करना; यह एक एहतियाती उपाय है जिससे हमें छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्या से निकलने में मदद मिलती है.
Minar is one of the UNESCO World Heritage site located in the capital city of India – Delhi. It was built by Qutab-ud-din Aibak, the first
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beautiful places
Travelling here will be so awesome
beautiful places indeed! Amazing collection
अच्छी पोस्ट, हमसे शेयर करने के लिए धन्यवाद .
ऐसे ही बढ़िया काम करते रहें